आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए अभी कुछ ही दिन हुए हैं कि उसे पहला झटका लग गया. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि प्राइवेट बिल्डिंग पर राजनीतिक होर्डिंग-पोस्टर लगाना गैरकानूनी है. उसने इस तरह के पोस्टरों-होर्डिंग पर सरकार के लगाए हुए प्रतिबंध को सही ठहराया.
एक अखबार के मुताबिक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसके तहत महानगर में निजी मकानों के बाहर बिना अनुमति के होर्डिंग और पोस्टर लगाना मना है. लेकिन अदालत ने सरकारी एजेंसियों से कहा है कि वे राजनीतिक पोस्टर-होर्डिंग लगाए जाने के बारे में एक उचित नीति तीन महीने में बनाएं. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और जस्टिस आरएस एंडलॉ ने दिया.
आम आदमी पार्टी के दो कार्यकर्ताओं ने दिल्ली डिफेसमेंट ऐक्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इसी कानून का हवाला देकर चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को 2013 में यह निर्देश दिया था कि वे कार्यकर्ताओं के घरों पर होर्डिंग और पोस्टर नहीं लगा सकते.
अपने 35 पन्नों के फैसले में विद्वान जजों ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह मानना कि अपनी निजी संपत्ति पर किसी को भी कुछ करने का अधिकार है, गलत है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा कर दिया गया तो फिर टाउन प्लानिंग और की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी. इससे तो सभी शहर और नगर बिल्कुल ऊटपटांग तरीके से बढ़ेंगे, हर कोई अपने तरीके से अपना मकान बनाएगा. अदालत ने कहा कि निजी मकान मालिकों को भी होर्डिंग और पोस्टर लगाने के लिए पहले से अनुमति लेना जरूरी है.
अदालत ने कहा कि अगर कमर्शियल विज्ञापनों के होर्डिंग लगाने की अनुमति दी जा सकती है तो हमें कोई कारण नहीं दिखता कि राजनीतिक विज्ञापनों को क्यों जगह नहीं मिले. उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित कर देना उचित नहीं है.