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दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की आधार को सोशल मीडिया से लिंक करने की याचिका

कोर्ट ने कहा कि फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसी सोशल मीडिया साइट का संचालन विदेशों से होता है. अगर आधार को इनसे लिंक किया गया तो लोगों की व्यक्तिगत जानकारी देश के बाहर चली जाएगी.

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दिल्ली हाईकोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)
दिल्ली हाईकोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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  • बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की थी याचिका
  • फर्जी अकाउंट बनाकर किया जा रहा सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल

आधार को सोशल मीडिया साइट से लिंक करने को लेकर लगाई गई याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अगर सोशल मीडिया पर 20 फीसदी अकाउंट फर्जी भी हैं तो उनको रोकने के लिए 80 फीसदी वाजिब यूजर्स के आधार से जुड़ी जानकारी को देश के बाहर नहीं भेजा जा सकता.

कोर्ट ने कहा कि फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसी सोशल मीडिया साइट का संचालन विदेशों से होता है. अगर आधार को इनसे लिंक किया गया तो लोगों की सारी व्यक्तिगत जानकारी देश के बाहर चली जाएगी. कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए यह भी कहा कि इस तरह के मामलों में कोर्ट का काम कानून में संशोधन करने का नहीं है बल्कि यह काम सरकार का है.

कोर्ट ने कहा, केंद्र सरकार देखेगी के सोशल मीडिया से जुड़े इन गूगल अकाउंट को लेकर क्या नियम कानून होने चाहिए. कोर्ट का काम नियम कानून का सख्ती से पालन कराना है, कानून बनाना नहीं है. बता दें कि यह याचिका बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय द्वारा लगाई गई थी.

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याचिका में कहा गया था कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल फर्जी अकाउंट बनाकर किया जा रहा है. इन फर्जी अकाउंट के माध्यम से फेक न्यूज़ को सोशल मीडिया पर फैलाया जाता है. लिहाजा इस तरह फेक न्यूज़ को रोकने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक कर दिया जाए.

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