दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने स्वराज इंडिया पार्टी की याचिका खारिज कर दी है. पार्टी ने एमसीडी चुनाव में कॉमन सिंबल की मांग की थी. हाईकोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग इस वक्त नियमों में बदलाव नहीं कर सकता. बिना नियम बदले दिल्ली इलेक्शन ऑफिस कॉमन सिंबल नहीं दे सकता. हाईकोर्ट में पैरवी के लिए स्वराज इंडिया के सस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और उनके पिता शांति भूषण पहुंचे थे.
सिंगर बेंच से मिली थी निराशा
इस मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने स्वराज इंडिया की याचिका खारिज की थी. जिसके बाद स्वराज
इंडिया पार्टी ने डबल बेंच में अपील की थी. लेकिन सोमवार को डबल बेंच ने भी पार्टी की मांग ठुकराते हुए
याचिका खारिज कर दी.
दरअसल स्वराज इंडिया ने कोर्ट में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी. नोटिफिकेश में कहा गया था कि अनरिक्गनाइज रजिस्ट्रड पार्टियों को कॉमन सिंबल नहीं दिया जा सकता. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन को सही माना था. डबल बेंच के फैसले के बाद अब ये तय हो गया है कि स्वराज इंडिया पार्टी को एमसीडी चुनाव बिना कॉमन सिंबल के ही लड़ना पड़ेगा.
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि अगर कोई पार्टी 10 फीसदी सीटों पर चुनाव लड़ती है तो उसे कॉमन सिंबल एक चुनाव लड़ने के लिए दिया जा सकता है. इसी आदेश को आधार बनाते हुए आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनावों में झाड़ू का कॉमन सिंबल दिया गया. लेकिन एमसीडी चुनावों में दिल्ली इलेक्शन ऑफिस के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया. जिसका चलते स्वराज इंडिया को कॉमन सिंबल नहीं मिल सका.