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हाईकोर्ट ने कहा- दिल्ली सरकार रेडियो टैक्सी के न्यूनतम रेट तय करे

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को रेडियो टैक्सी के न्यूनतम रेट तय करने को लेकर अपना पक्ष साफ करने को कहा है. दरअसल हाईकोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है ओला और उबर जैसी कंपनियां 6 रुपये किलोमीटर तक चार्ज कर रही हैं.

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रेडियो टैक्सी
रेडियो टैक्सी

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हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को रेडियो टैक्सी के न्यूनतम रेट तय करने को लेकर अपना पक्ष साफ करने को कहा है. दरअसल हाईकोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कहा गया है ओला और उबर जैसी कंपनियां 6 रुपये किलोमीटर तक चार्ज कर रही हैं.

ऑटो और प्राइवेट टैक्सी वाले परेशान
फ्री राइड से लेकर तमाम ऑफर्स देकर बाकी टैक्सी सर्विस और ऑटो को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. ऑटो का किराया 25 रुपये से शुरू है. रेडियो टैक्सी के रेट को इतना कम होने को लेकर प्राइवेट टैक्सी और ऑटो वाले परेशान और नाराज है, और इसे रोकने के लिए मैजिक सेवा टैक्सी सर्विस ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है. साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि सरकार के नोटिफेकेशन का पालन नहीं कर रही है और यात्रियों से सरकार द्वारा निर्धारित किराए से ज्यादा पैसे वसूल रही है. सरकार ने कहा है कि अधिकतम 37 रुपये का किराया रखा है लेकिन रेडियो टैक्सी 40 रुपये वसूल रही.

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'यात्री किंग की भूमिका में हैं'
कोर्ट ने कहा यात्री इस मामले में किंग की भूमिका अदा कर रहे हैं, और अगर कोई कंपनी कम पैसे वसूल रही है तो कोई भी सरकार किसी कंपनी को कैसे रोक सकती है. आम लोगों को कम पैसे में रेडियो टैक्सी मिल रही है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि ये कंपनी वेबसाइट पर मिलने वाले हिट्स के हिसाब से काम कर रही हैं. ये एप बेस्ट कंपनी है जो अलग प्रिंसिपल पर काम कर रही है. इसके अलावा ये कंपनी प्रॉफिट के लिए नहीं, बल्कि इंटरनेट पर ज्यादा से ज्यादा हिट्स के लिए काम कर रही हैं. कोई सरकार भला उस चीज को कैसे रोक सकती है, जिसमें आम लोगो को फायदा हो रहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी.

 

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