दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू प्रशासन को देशद्रोह के आरोपी छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ 28 सितंबर तक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने दो और जेएनयू छात्रों की याचिका पर भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगाते हुए जेएनयू प्रशासन से जवाब मांगा है.
जेएनयू की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उन्हें मामले में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेज पेश करने हैं, ऐसे में उन्हें कुछ वक्त और दिया जाए. वकील ने हाई कोर्ट को भरोसा दिया है कि मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में जब तक पूरी नहीं होगी, छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी.
पहले 8 सितंबर तक लगाई थी रोक
इससे पहले हाई कोर्ट ने सोमवार को जेएनयू के 22 अगस्त को जारी आदेश पर 8 सितंबर तक रोक लगाई थी. इस आदेश में 9 फरवरी को हुए विवादित कार्यक्रम में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर समेत 19 छात्रों को अनुशासनहीनता का दोषी करार दिया था.
याचिकाकर्ता छात्रों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि उन्हें गलत तरीके से कुछ सेमिस्टर के लिए निलंबित किया गया है. ऐसे में उनकी अपील के निपटारे तक फैसले के अमल पर रोक लगाई जाए. छात्रों के वकील ने तर्क रखा कि जेएनयू के कुलपति की अपील प्राधिकरण ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था लेकिन जो मुद्दे उन्होंने उठाए उन पर विचार ही नहीं किया गया. लिहाजा जेएनयू का निर्णय एकतरफा है.