दिल्ली में शराब पीने की उम्र घटाने को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग को नोटिस करके जवाब मांगा है.
इस याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में शराब पीने की उम्र सबसे ज्यादा 25 साल रखी गई है. इसे हटाया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि जब वोट देने की उम्र 18 साल है तो फिर बालिग होने पर शराब पीने पर रोक कैसे लगाई जा सकती है.
यूपी, गोवा, तेलंगाना और झारखंड में शराब पीने की कानूनी उम्र 21 साल है, जबकि राजस्थान और पुडुचेरी में इसे 18 साल तय किया हुआ है. लेकिन दिल्ली में फिर ये 25 साल क्यों है, यह सवाल करते हुए दिल्ली में शराब की खरीदारी और पीने की न्यूनतम उम्र 25 साल को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. मामले में अगली सुनवाई अब 9 अक्टूबर को होगी.
याचिका में दलील दी गई है कि यूपी, गोवा, तेलंगाना और झारखंड में शराब पीने की कानूनी उम्र 21 साल है, वहीं राजस्थान और पुडुचेरी में यह 18 साल तय है. ऐसे में राजस्थान और पुडुचेरी का कोई व्यक्ति जिसके राज्य में शराब पीने की वैधानिक उम्र 18 है, यदि दिल्ली में आकर शराब पीता है तो यहां ये क्राइम है.
इसी तरह दिल्ली के युवा अन्य राज्यों में जाते है जहां शराब पीने की कानूनी उम्र कम है, वहां वे लोग कैसा बर्ताव करेंगे, यह सवाल लगातार बना रहता है.
याचिका में एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि 18 से 25 की उम्र वाले युवाओं की 67 फीसदी आबादी ने शराब खरीदी और किसी ने भी उनसे उनका उम्र का प्रमाण नहीं मांगा. याचिका में यह भी मांग रखी गई है कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह स्कूल और कॉलेजों के जागरूकता अभियान को पाठ्यक्रम का हिस्सा बना कर स्टूडेंट्स को शराब पीने से जुड़ी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करें.
याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट, 2009 की धारा 23 को रद्द किया जाए. क्योंकि इस धारा के मुताबिक दिल्ली में शराब पीने की न्यूनतम कानूनी उम्र 25 तय है.