दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव मामले की सुनवाई के संबंध में एम्स ट्रॉमा सेंटर में अस्थायी अदालत स्थापित की है. हाईकोर्ट ने यह आदेश इसलिए दिया है कि सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद पीड़िता का एम्स में इलाज चल रहा है. पीड़िता की हालत धीरे-धीरे ठीक हो रही है.
ट्रॉमा सेंटर में सुनवाई होने से पीड़िता को बयान दर्ज कराने में असुविधा नहीं होगी. सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई उन्नाव रेप पीड़िता को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से विमान के जरिये इलाज के लिए दिल्ली ला कर एम्स में भर्ती कराया गया था. यहीं पर उसका इलाज चल रहा है.
पीड़िता के वकील को भी सड़क हादसे में चोटें आई थी, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव पीड़िता और पीड़िता के वकील को एयरलिफ्ट कर एम्स में भर्ती कराने का आदेश दिया था.
हादसे के पीछे सेंगर का हाथ: पीड़िता
इससे पहले उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने सड़क हादसे के पीछे विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ होने का आरोप लगाया. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दिए गए बयान में पीड़िता ने कहा कि पिछले कई महीनों से विधायक सेंगर जान से मारने की धमकी दे रहा था. उसने ही सड़क हादसा कराया है.
वकील का नहीं दर्ज हो सका है बयान
जांच एजेंसी ने अभी तक पीड़िता के वकील का बयान दर्ज नहीं किया है. वह अभी भी लखनऊ अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है और बयान दर्ज करवाने की हालत में नहीं है.
28 जुलाई को पीड़िता की कार का रायबरेली में एक्सीडेंट हो गया था. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, वहीं पीड़िता का वकील गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. पीड़िता अपने चाचा से मिलने जा रही थी तभी यह हादसा हुआ.