हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तल्ख़ टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर आप गरीब हैं तो थानों में आपकी शिकायत दर्ज होना नामुमकिन है. दरसअल सात महीने से अपनी बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने को भटक रही एक महिला के पत्र पर स्वत संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी की है.
हाइकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के काम करने का तरीका सच मे हैरान करने वाला है. महिला ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि जून 2016 से उनकी बेटी अपने पति के घर से लापता है. ससुराल के लोग उसकी बेटी का उत्पीड़न करते थे. दहेज कम लाने के लिए वह उसके साथ लगातार मारपीट करते आ रहे थे.
अपनी बेटी को ढूंढ़ने की ख़ातिर मदद मांगने के लिए वो कई बार पुलिस के पास गई, लेकिन उसकी शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी की एफआईआर तक दर्ज नहीं की. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अब 29 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर दिल्ली पुलिस को लंबे वक़्त से गायब युवती और उसके पति को भी पेश करने का निर्देश दिया है.