दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन सिलेंडर के प्राइस कैप को फिक्स किए जाने पर स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. इसके साथ ही दिल्ली पुलिस या किसी अन्य एजेंसियों की ओर से जब्त आवश्यक सेवाओं की जब्ती के बारे में जानकारी मांगी गई है और पूछा गया कि इन जब्त सामानों की आपूर्ति कहां की गई है.
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को भी एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है, जिसमें सरकार यह साफ करेगी कि उसने अपने मंत्री इमरान हुसैन को ऑक्सीजन दी या नहीं दी. कोर्ट ने कहा है कि अगर यह ऑक्सीजन मंत्री इमरान हुसैन ने दिल्ली से बाहर से लाकर दिल्ली के लोगों तक पहुंचाई तो यह सराहनीय काम है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार से लेकर मंत्री ने लोगों में ऑक्सीजन बांटी तो यह मंत्री ने अपनी और अपनी पार्टी की पब्लिसिटी के लिए किया जो सीधे तौर पर दुरुपयोग का मामला है. इससे पहले इमरान हुसैन ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने ऑक्सीजन सिलिंडर अपने ख़ुद के ख़र्चे पर फरीदाबाद और कुछ जगहों से मंगाए थे और उनके पास इसकी रसीद भी है.
इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि आपने और आपकी पार्टी ने पब्लिसिटी के लिए ऑक्सीजन बांटी, हालांकि हम ये नहीं कह रहे है कि आपने कोई ग़लत काम किया. इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कोर्ट चाहे तो इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे सकती है. कोर्ट ने कहा कि इससे तो आपकी छवि और ख़राब हो जाएगी.
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कोर्ट को कहा कि हमें याचिकाकर्ता पॉलिटिकली मोटिवेटेड नजर आ रहा है. कोर्ट ने कहा कि हमें इन चीजों में नहीं जाना बल्कि हमें यह पता करना है कि इमरान हुसैन, जो ऑक्सीजन लोगों में बांट रहे थे, वह ऑक्सीजन उन्होंने कहां से हासिल की, क्या यह सरकार से लेकर मंत्री ने लोगों में बांटी?
दिल्ली हाई कोर्ट ने इमरान हुसैन को कहा कि वो उनका शपथ पत्र देखने में रुचि नहीं रखते है बल्कि उन्हें वो सबूत चाहिए जिससे ये साफ़ हो सके तो ये ऑक्सीजन मंत्री इमरान हुसैन ने दिल्ली के बाहर से मांगकर दिल्ली के लोगों को दी, कोर्ट ने इमरान हुसैन से वो रसीदे भी मांगी है, जिसमें उन्होंने 10 ऑक्सीजन सिलेंडर किराए पर लेने की बात कही है.