ऐप बेस्ड कैब सर्विस देने वाली कंपनी ओला और उबर के ड्राइवरों की हड़ताल को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए पुलिस को कानून व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कैब ड्राइवरों को सड़क पर किसी भी तरह की तोड़फोड़ या अराजकता तुरंत बंद करने का आदेश दिया है.
कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं कैब ड्राइवर
हाईकोर्ट ने दोनों कंपनियों को ड्राइवरों की यूनियन से बातचीत कर उनकी मांगों पर कोई रास्ता निकालने का निर्देश दिया है. बता दें कि ये कैब ड्राइवर अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं और इस दौरान उन्होंने सड़कों पर सवारियां ले जा रही कुछ टैक्सियों में कथित रूप से तोड़-फोड़ की थी.
ओला और उबर कैब ड्राइवरों की की चार मुख्य मांगें हैं:
1. कंपनी अपने कमीशन को 25 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी करे.
2. वेटिंग चार्ज को बढ़ाकर दोगुना किया जाए.
3. नाइट चार्ज में बढ़ोतरी की जाए.
4. कैब ड्राइवर की अगर गाड़ी चलाने के दौरान मौत हो जाए, तो उसे मुआवजा दिया जाए.
दुर्घटना में हुई ड्राइवर की मौत
इस मामले में ड्राइवरों की एसोसिएशन उबर कंपनी के खिलाफ धरने पर इसलिए बैठी है कि कुछ दिन पहले हौजखास में बीएमडब्ल्यू उबर के एक कैब का एक्सिडेंट हुआ था. इसमें ड्राइवर नजरुल की मौत हो गई थी. उबर कंपनी ने नजरुल को मुआवजा देने से मना कर दिया.
28 फरवरी को दोबारा सुनवाई
दिल्ली हाईकोर्ट 28 फरवरी को इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा. ड्राइवरों की एसोसिएशन और ओला-उबर को कोर्ट में ये बताना होगा कि उनके बीच कोई समझौता हो पाया है या नहीं.