स्वामी अग्निवेश की अर्जी पर दिल्ली हाइकोर्ट ने 48 घण्टे में पुलिस प्रोटेक्शन देने के निर्देश दिए है. इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में एक स्टेटस रिपोर्ट भी देने को कहा है, जिस में अब तक हुई जांच का ब्योरा शामिल हो. दरअसल ये पूरा मामला स्वामी अग्निवेश की मारपीट से जुड़ा हुआ है. स्वामी अग्निवेश को बीजेपी के हेड ऑफिस के बाहर मारपीट का सामना करना पड़ा था, जब वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम दर्शन के लिए जा रहे थे. अब स्वामी अग्निवेश ने कोर्ट में अर्जी लगाई है कि बीजेपी हेड ऑफिस के बाहर हुई पिटाई के मामले में सीबीआई जांच हो.
स्वामी अग्निवेश ने अपनी याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट को कहा है कि उन्हें बीजेपी के कार्यकर्ताओं से जान का खतरा है. पहले भी उन पर हमले हुए हैं और अभी भी उन्हें डर है कि दोबारा उनपर बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा हमला हो सकता है. अग्निवेश ने अपनी अर्जी में कहा है कि इस मामले में अब तक कुछ पता नहीं चल पा रहा है कि किसके कहने पर कौन लोगों ने उनकी पिटाई की, लिहाजा मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. जनवरी में दिल्ली हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई दोबारा करेगा.
अपनी याचिका में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भी स्वामी अग्निवेश ने प्रतिवादी बनाया है. अब अगली सुनवाई पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आने वाली स्टेटस रिपोर्ट से यह साफ होगा अब तक की पुलिस जांच से क्या कोर्ट संतुष्ट है. और अगर कोर्ट को लगा कि इस मामले में अब तक की जांच नाकाफी है तो मुमकिन है इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
इस साल हुए दो हमले
स्वामी अग्निवेश पर इस साल दो हमले हो चुके हैं. अगस्त में बीजेपी हेडक्वार्टर में हुई मारपीट से पहले जुलाई में भी झारखंड में स्वामी अग्निवेश पर हमला हो चुका है. उस वक्त भी उनकी भीड़भाड़ वाले इलाके में जमकर पिटाई की गई थी. 79 साल के स्वामी अग्निवेश का आरोप है कि उन्हें पीटने वाले लोग बीजेपी के कार्यकर्ता थे. और सरकार के इशारे पर ही उनके साथ मारपीट की गई.