योगेंद्र यादव की पार्टी स्वराज इंडिया को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने कॉमन सिंबल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में स्वराज इंडिया को एमसीडी चुनाव कॉमन सिंबल के बिना ही लड़ना पड़ेगा.
दरअसल स्वराज इंडिया ने कोर्ट में चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी. नोटिफिकेश में कहा गया था कि अनरिक्गनाइज रजिस्ट्रड पार्टियों को कॉमन सिंबल नहीं दिया जा सकता. हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के नोटिफिकेशन को सही माना है. हालांकि योगेंद्र यादव ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात की है.
दिल्ली में अप्रैल में नगर निगम के चुनाव हैं. स्वराज इंडिया पार्टी ने कॉमन सिम्बल की मांग की थी. जिस पर दिल्ली चुनाव कार्यालय ने कहा था कि एमसीडी चुनावों में कॉमन सिंबल देने का अधिकार उनके पास नहीं है. ये चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र से जुड़ी हुई चीज है. दिल्ली चुनाव कार्यालय की दलील थी, 'कॉमन सिंबल देने के लिए नियमों में बदलाव करना पड़ेगा. नियम बदलने का अधिकार केंद्रीय चुनाव आयोग के पास है.
स्वराज इंडिया पार्टी की तरफ से प्रंशात भूषण ने कोर्ट में पक्ष रखा. उनका दलील थी कि एमसीडी चुनावों मे सिंबल बांटने का काम दिल्ली इलेक्शन ऑफिस ही करता है. जबकि देश के बाकी हिस्सों राज्य चुनाव आयोग के पास ये अधिकार है. ऐसे में दिल्ली इलेक्शन ऑफिस सिंबल क्यों नहीं दे सकता.
चुनाव आयोग ने बताया था कि स्वराज इंडिया की तरह 27 पार्टियां हैं. जिन्होंने कॉमन सिंबल की मांग रखी है. लेकिन आयोग ने कॉमन सिंबल देने से इंकार कर दिया है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव ने पिछले साल के आखिर में स्वराज इंडिया पार्टी का गठन किया था. पार्टी पहली बार दिल्ली में होने जा रहे निगम चुनाव में हिस्सा ले रही है. ऐसे में अगर उन्हें बिना कॉमन सिंबल के चुनाव मैदान में उतरना पड़ा तो पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा.