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हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल, सैलरी न मिलने पर की थी स्ट्राइक

हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है. हिंदू राव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुधवार को बयान जारी कर इसकी घोषणा की. डॉक्टरों की हड़लात सैलरी को लेकर थी. 24 दिन से वे हड़ताल पर थे. 

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हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की
हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की
  • डॉक्टरों की हड़लात सैलरी को लेकर थी
  • 24 दिन से हड़ताल पर थे अस्पताल के डॉक्टर्स

दिल्ली के हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है. हिंदू राव हॉस्पिटल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुधवार को बयान जारी कर इसकी घोषणा की. डॉक्टरों की हड़लात सैलरी को लेकर थी. 24 दिन से वे हड़ताल पर थे. 

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हिंदू राव हॉस्पिटल उत्तरी दिल्ली नगर निगम का अस्पताल है. इस हॉस्पिटल में 6 दिन से कुछ डॉक्टर भूख हड़ताल पर भी बैठे हुए थे. उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने जूस पिलाकर डॉक्टरों की भूख हड़ताल खत्म कराई.

बता दें कि सैलरी न मिलने को लेकर हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर 24 दिनों से हड़ताल पर थे. उन्हें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का समर्थन था. आईएमए ने कहा कि बाड़ा हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को वेतन न मिलना सिस्टम की नाकामी है.

'पूरे डॉक्टर्स कम्युनिटी का गिरता है मनोबल'

आईएमए ने कहा कि इससे देश और पेशे को गलत संदेश जाता है. इससे पूरे डॉक्टर्स कम्युनिटी का मनोबल गिरता है. अगर एक वैश्विक महामारी के दौरान डॉक्टर की सेवाएं इतनी ही हैं तो इसका मतलब है निश्चित रूप से जिस तरह से शासन हो रहा है उसमें कुछ गड़बड़ है. यह शासन का नया निचला स्तर है.

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हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टरों के बाद नगर निगम चिकित्सक संघ के डॉक्टरों ने भी सामूहिक अवकाश लेते हुए मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था. नगर निगम चिकित्सक संघ ने कहा कि तीन महीने से सैलरी का भुगतान नहीं किया गया है जिसकी वजह से हमें हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा.

संघ ने कहा कि हमारी ही नहीं बल्कि रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी का भुगतान नहीं किया गया है. जिस तरह से हमारे रेजिडेंट डॉक्टरों को भूख हड़ताल जैसे असाध्य उपायों का सहारा लेने के लिए मजबूर किया गया है, वह सभी सीनियर्स डॉक्टरों के लिए बेहद परेशान करने वाला है. प्रशासन की उदासीनता ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने दे सकते.

 

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