दिल्ली में नगर निगम के हॉस्पिटलों के मेडिकल स्टाफ को सैलरी न मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बाड़ा हिंदूराव हॉस्पिटल के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं. इसके समर्थन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) भी उतर आया है. आईएमए ने 'बनाना रिपब्लिक' का तंज कसा और कहा कि बनाना रिपब्लिक का मतलब होता है ऐसा देश जहां पर कानून का राज ना हो.
आईएमए ने कहा कि बाड़ा हिंदू राव हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को वेतन ना मिलना सिस्टम की नाकामी है. इससे देश और पेशे को गलत संदेश जाता है. इससे पूरे डॉक्टर्स कम्युनिटी का मनोबल गिरता है. अगर एक वैश्विक महामारी के दौरान डॉक्टर की सेवाएं इतनी ही हैं तो इसका मतलब है निश्चित रूप से जिस तरह से शासन हो रहा है उसमें कुछ गड़बड़ है. यह शासन का नया निचला स्तर है.
आईएमए ने कहा कि हेल्थ केयर वर्कर खासतौर से डॉक्टर राष्ट्रीय संपदा हैं. डॉक्टर्स को उनका वेतन ना देकर उनका अपमान करना और कुछ नहीं बल्कि स्टेट स्पॉन्सर्ड वायलेंस है. सुप्रीम कोर्ट ने खासतौर से कहा है कि डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर का वेतन समय पर दिया जाए लेकिन ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश उन अधिकारियों पर लागू नहीं होता जो इन अस्पतालों को चलाते हैं'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और मेडिकल प्रोफेशन को भरोसा है कि इस मामले में हिंदू राव हॉस्पिटल के प्रशासन के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला कोर्ट स्वतः संज्ञान से चला सकता है. इस तरह की कड़ी कार्रवाई ही हमारे संस्थानों के प्रति भरोसा फिर से स्थापित कर सकती हैं.
आईएमए ने डॉक्टर की सैलरी और बाकी बकाया तुरंत दिए जाने की मांग की है. आपको बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले बाड़ा हिंदूराव अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिसके बाद बीते 22 दिनो अस्पताल के सभी रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं.