scorecardresearch
 

दिवाली के बाद दम घोंटने लगी दिल्ली की हवा, 16 गुणा ज्यादा हुआ प्रदूषण

दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद हवा में जहर यानी वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित सीमा से 16 गुणा बढ़ गया. दिवाली के पटाखों से देश की राजधानी फिर जहरीले धुएं से भर गई. सोमवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 306 रिकॉर्ड किया गया.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः PTI)
प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटोः PTI)

Advertisement

  • कुछ इलाकों में AQI अधिकतम 999 के स्तर पर पहुंचा
  • हवा में खतरनाक पॉल्यूटेंट में भी हुई तेज बढ़ोत्तरी

दिल्ली में तमाम कोशिशों के बावजूद हवा में जहर यानी वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित सीमा से 16 गुणा बढ़ गया. दिवाली के पटाखों से देश की राजधानी फिर जहरीले धुएं से भर गई. सोमवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 306 रिकॉर्ड किया गया.

अपने आसपास की हवा का हाल जानने के लिए यहां क्लिक करें  

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का व्यापक डेटा दिखाता है कि दिवाली पर सबसे खतरनाक पॉल्यूटेंट (PM2.5) के स्तर में कैसे तेज बढ़ोत्तरी हुई. दिल्ली में जागरूकता की मुहिम के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े और आतिशबाजी की. 

रविवार को रात 11 बजे के आसपास आरके पुरम, पटपड़गंज, सत्यवती कॉलेज, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अधिकतम 999 के स्तर पर पहुंच गया था, जिसके बाद इसकी रीडिंग करना ही फिलहाल मुमकिन नहीं है. AQI से हवा में मौजूद PM2.5, PM10, सल्फर डाई ऑक्साइड और अन्य पॉल्यूटेंट पार्टिकल्स के कंसन्ट्रेशन लेवल का पता चलता है.

Advertisement

delhi_air_pollution_chart_102819090702.jpg

पुराना डेटा बताता है कि दिल्ली की हवा पूरे साल ही प्रदूषित रहती है. लेकिन आसपास के राज्यों में पराली जलाने और दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखे फोड़ने से दिल्ली की हवा में जहर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है. इससे दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर एक तरह से गैस चैम्बर में बदल जाता है.

delhi_air_pollution_chart_2_102819090841.jpg

धनंजय घई और रेणुका साने जैसे वैज्ञानिकों ने पटाखों से दिल्ली की हवा पर पड़ने वाले बुरे असर का 2012-17 में अध्ययन किया. उनकी ये स्टडी बताती है कि दिवाली से वायु प्रदूषण में छोटी लेकिन आंकड़ों के लिहाज से अहम बढ़ोत्तरी होती है.

delhi_air_pollution_chart_1_102819090908.jpg

2018 में घई और साने ने रिपोर्ट किया- ‘दो दिन के अंतराल में दीवाली से PM2.5 पार्टिकुलेट कंसन्ट्रेशन में 40 μg/m3 की बढ़ोत्तरी हुई. हालांकि ये आंकड़ा अपने आप में छोटा लगता है, लेकिन अगर इस दौरान पहले से ही हवा की खराब क्वालिटी को देखा जाए तो ये बड़ा है.’

air_pollution_data1_chart_102819092929.jpg

सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन के आदेश, दिल्ली सरकार की अपील और जागरूकता की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली के लोगों ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. पटाखों को बड़े पैमाने पर फोड़ने से 2.5 माइक्रोन्स से कम के अल्ट्रा फाइन पार्टिकल दिल्ली की हवा में भर दिए. इससे सांस लेना, खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों को मुश्किल हो गया.   

Advertisement

दिल्ली में वायु प्रदूषण को काबू में रखने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 से 15 नवंबर तक वाहनों के लिए ‘ऑड-इवन’ फॉर्मूला लागू करने का ऐलान पहले से ही कर रखा है.

Advertisement
Advertisement