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नोटबंदी के बाद होटल कारोबार में 60 फीसदी गिरावट, खाली पड़े कमरों को गेस्ट का इंतजार

सिर्फ होटल ही नहीं पहाड़गंज विदेशी सैलानियों के लिए शॉपिंग का भी अड्डा है लेकिन पर्यटकों से भरी रहने वाली कपड़ों, बैग्स, हेंडीक्राफ्ट की दुकानों को ग्राहक का इंतज़ार है.

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दिल्ली होटल कारोबार पर नोटबंदी का असर
दिल्ली होटल कारोबार पर नोटबंदी का असर

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नोटबंदी के एक महीने बाद भी हालात नहीं बदले हैं. दिल्ली के होटल कारोबार पर इसका बड़ा असर देखने को मिला है. दिसबंर में शादी के सीजन होने के बावजूद भी कारोबार बिल्कुल ठंडा पड़ा है. नोटबंदी के कारण लोग टूरिस्ट प्लेस पर जाने से कतरा रहे है, राजधानी के पहाड़गंज और करोलबाग का होटल कारोबार लगभग 60 फीसदी तक गिर गया, जिससे कारोबारी परेशान है.

विदेशी सैलानियों के रुकने की पसंदीदा जगह होने के बावजूद होटल से लेकर दुकान तक सभी बेज़ार हैं. जिन होटलों में कमरे फुल होते हैं तब भी बुकिंग के लिए फोन आने का सिलसिला थमता नहीं था, वो होटल अब गेस्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. होटल शेल्टन में ही करीब 50 फीसदी कमरे खाली है और यही हाल लगभग पहाड़गंज के सभी होटलों का है.

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सरकार ने नहीं रखा अतिथियों का ध्यान

सिर्फ होटल ही नहीं पहाड़गंज विदेशी सैलानियों के लिए शॉपिंग का भी अड्डा है लेकिन पर्यटकों से भरी रहने वाली कपड़ों, बैग्स, हेंडीक्राफ्ट की दुकानों को ग्राहक का इंतज़ार है. खाने-पीने की चीज़ों के लिए मशहूर पहाड़गंज का जर्मन बेकरी जहाँ विदेशी मेहमानों का तांता लगा रहता था वो खाली पड़ा हैं. जहां थोड़े बहुत सैलानी पहुँच भी रहे है वो भी नोटबंदी के बाद सोच समझ कर खर्च कर रहे हैं. दिल्ली होटल महासंघ के महामंत्री अरुण गुप्ता के मुताबिक सरकार अतिथि देवो भवः की बात जरूर करती है लेकिन अतिथियों के सहूलियत का ध्यान कतई नहीं रखा. मनी चेंजर बंद होने की वजह से विदेशी मेहमानों को लूटा जा रहा है, जिससे विदेशी सैलानी डरे हुए हैं और अपने वतन लौट रहे हैं.

विदेशी सैलानियों का अड्डा पहाड़गंज

दिल्ली में देसी-विदेशी सैलानियों के ठहरने के लिए पहाड़गंज और करोल बाग मशहूर हैं. पहाड़गंज में छोटे-बड़े मिलाकर करीब 600 होटल हैं तो वही करोल बाग में होटलों की संख्या 250 है. होटल कारोबारियों की मानें तो ये पहला सीजन होगा जब दिसंबर के पीक सीजन में कारोबार ठप है. बुकिंग्स लगातार कैंसिल हो रही हैं लिहाज़ा करोल बाग के होटल संचालक भी लड़खड़ाते हुए कारोबार की वजह से चिंता में हैं.

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दिल्ली होटल्स एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट बालान मनी के मुताबिक पिछले एक महीने से हमारा कारोबार बिल्कुल ठप है, ये एनआरआई सीजन होता है हमारे 30 कमरे हैं, लेकिन सिर्फ 5 कमरे बुक हैं बाकि कमरे खाली पड़े हैं. जबकि इस सीजन में हम कस्टमर को दूसरे होटलों में भेजते हैं क्योंकि हमारा होटल हमेशा फुल रहता है. ये पहली बार है जब हमें दिसम्बर में मुनाफे की बजाय घाटा हो रहा है.

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