दिल्ली और बारिश का 36 का आंकड़ा है वो इसलिए कि एक तो यहां मानसून बहुत देर से आता है और जब आता है तो पूरी दिल्ली को डुबा कर चला जाता है. इसलिए दिल्ली में ज़रा सी बारिश होती है और दिल्ली डूबने लगती है ऐसा हर साल होता है.
वर्तमान स्थिति ये है कि उत्तरी दिल्ली से लेकर दक्षिणी दिल्ली तक हर इलाक़े में सड़कों की हालत बेहद ख़राब है. दिल्ली के किराड़ी में तो स्थिति ये है कि अभी बारिश हुई भी नहीं है और सड़कों की हालत अभी से ही ख़राब होना शुरू हो गई है. दिल्ली का पारा लगातार 40-42 के आसपास चल रहा है. ऐसे में किसी भी क़ीमत पर पानी सुख ही जाता है मगर यहां पानी इतना जमा है कि कई बार तो यहां बच्चे गिर भी जाते हैं. लोगों का कहना है कि निगम चुनाव से पहले नेताओं ने वादा किया था कि हम इसे ठीक करवा देंगे लेकिन कहते हैं न कि जिस नेता ने अपना वादा पूरा कर दिया फिर वो नेता ही नहीं.
स्कूल के सामने ही पानी जमा होता है
यहां पर चौंकाने वाली बात ये है कि जिस रास्ते पर पानी जमा होता है, वहीं पर एक स्कूल भी है. ऐसे में इस पानी के जमा होने से मच्छर भी पनप रहें हैं. अब यही मच्छर स्कूल में आने वाले बच्चों को काटते है जिसके कारण उन्हें कई तरह की बीमारी हो रही है. स्कूल प्रशासन ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.
उप राज्यपाल ने निगम को दिए आदेश
हालांकि, दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने तीनों ही निगमों को आदेश दिए हैं कि दिल्ली में इस बार स्थिति वैसी नहीं होनी चाहिए जिस तरह हर साल देखने को मिलती है. वहीं, निगम ने भी कई जगह काम शुरू कर दिया है. कई महीनों से चोक नालियों को साफ़ किया जा रहा है. साथ ही पानी के निकासी की भी व्यवस्था की जा रही है.
उधर मौसम विभाग का कहना है कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही दिल्ली में मानसून दस्तक दे सकता है ऐसे में देखना होगा की क्या तमाम तैयारी के बावजूद इस बार दिल्ली डूबने से बच पाती है या या फिर से वही स्थिति देखने को मिलेगी.