दिल्ली के जहांगीरपुरी एसएचओ राजेश कुमार को हटा दिया गया है. उनकी जगह नए एसएचओ अरुण कुमार को राष्ट्रपति भवन से ट्रांसफर कर के जहांगीरपुरी का नया एसएचओ बनाया गया है. माना जा रहा है कि जहांगीरपुरी में जिस तरह से दो समुदायों के बीच बवाल मचा था और दिल्ली पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी उसी की गाज एसएचओ पर गिरी है.
एनडीएमसी अपनी कार्रवाई को ठहराया जायज
उधर, अतिक्रमण की कार्रवाई को एनडीएमसी ने जायज ठहराया है. अपनी कार्रवाई को सही ठहराते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने जूस की दुकान के मालिक को नोटिस दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किया गया.
निगम की प्रतिक्रिया गणेश गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर आई, जिसकी जूस की दुकान पिछले महीने दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान क्षतिग्रस्त हो गई थी. उसने मुआवजे की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. गुप्ता ने कहा था कि उनकी दुकान को सभी जरूरी लाइसेंसों के साथ अधिकृत किया गया था.
एनडीएमसी ने कहा है कि गुप्ता की दुकान को गिराने से पहले 31 मार्च 2022 को कारण बताओ नोटिस दुकान मालिक शकुंतला देवी को दिया गया था. उन्हें एक सप्ताह के भीतर वैधता के संबंध में दस्तावेज जमा करने के लिए समय दिया गया था. हालांकि, मालिक ने शोकेस नोटिस का कोई जवाब दाखिल नहीं किया.
हिंसा मामले में तीन लोग अरेस्ट
जहांगीरपुरी हिंसा मामले में हाल ही में क्राइम ब्रांच ने तीन लोगों को अरेस्ट किया. इनमें से एक को जहांगीरपुरी हिंसा मामले का मास्टरमाइंड बताया गया. क्राइम ब्रांच ने जिसे मास्टरमाइंड बताकर गिरफ्तार किया, वह हिंसा के बाद कई बार पुलिस के साथ दिख चुका था. वह हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए निकाली गई तिरंगा यात्रा में भी शामिल था. तिरंगा यात्रा निकालने में वह सबसे आगे रहा था. पुलिस के साथ वह इलाके में घूमता था और लोगों से शांति की अपील करता था.