मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश के बाद दिल्ली जल बोर्ड ने शनिवार को उन 14 इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया, जिनके खिलाफ सीबीआई ने सीवरेज उपकरणों को लेकर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था.
गौरतलब है कि सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड को सीवरेज उपकरणों की आपूर्ति में कथित रूप से धोखाधड़ी और जालसाजी के पांच मामले दर्ज किए थे, जिनमें एक निजी कंपनी के साथ ही आठ कार्यकारी इंजीनियरों और छह जूनियर इंजीनियरों का नाम था. ये मामले कथित रूप से नकली, घटिया मोटर पंपों, गियर बॉक्स और मशीनरी, मल शोधन संयंत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले कल पुजरे को अनाप शनाप कीमतों पर खरीददारी आदि से शामिल थे. ऐसा आरोप है कि दिल्ली जल बोर्ड ने मुंबई स्थित कंपनी ऐसेनप्रो को उपकरणों की आपूर्ति के लिए मंजूरी दी थी.
सूत्रों के मुताबिक इन्हें सस्पेंड करने के निर्देश अरविंद केजरीवाल ने दिए थे, जो दिल्ली जलबोर्ड के अध्यक्ष हैं. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जल्द कार्रवाई शुरू करने का वादा करते हुए कहा है कि वे वर्तमान समय में राष्ट्रमंडल खेल और दिल्ली जलबोर्ड की फाइलों का अध्ययन कर रहे हैं और कांग्रेस को नहीं छोड़ेंगे. केजरीवाल ने समाचार चैनलों से कहा, हम राष्ट्रमंडल खेल और सभी जल बोर्ड फाइलों का अध्ययन कर रहे हैं. हमने भ्रष्टाचार निरोधक शाखा गठित की है. कुछ दिनों में पूर्ववर्ती सरकार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देंगे.
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के आठ विधायक आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, जिसके पास 28 विधायक हैं. यह पूछे जाने पर कि यदि कांग्रेस ने समर्थन वापस लेने का निर्णय किया तो क्या होगा, उन्होंने कहा, हम कार्रवाई शुरू करेंगे. कांग्रेस समर्थन वापस ले सकती है. कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले सकती है, यदि सरकार कल गिरनी है तो उसे आज ही गिर जानी दीजिये.