28 दिसंबर 2013 को दिल्ली की सत्ता संभालते ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि 15 दिनों के भीतर जनलोकपाल बिल पास कराएंगे. हालांकि वादा तो पूरा न हो सका लेकिन आज दिल्ली सरकार जनलोकपाल बिल को हरी झंडी दिखा सकती है. दिन में करीब 11 बजे केजरीवाल कैबिनेट की बैठक है और इसमे बिल को मंजूरी मिलने के पूरे आसार हैं.
लोकपाल को लेकर केजरीवाल की अपनी ओर से कोशिश पूरी है लेकिन आजतक के पास खास जानकारी है कि जनलोकपाल बिल पर दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच फिर टकराव के आसार हैं. कानून विभाग ने दिल्ली सरकार को ये सुझाव दिया है कि लोकपाल बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले इस पर केंद्र की मंजूरी लेनी जरूरी होगा.
ऐसे में कैबिनेट की हरी झंडी के बाद बिल उपराज्यपाल के पास जाएगा. उपराज्यपाल इसे मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय के पास भेजेंगे. लेकिन, अगर गृह मंत्रालय ने फाइल रोक ली तो फिर दोनों सरकारों के बीच टकराव हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल के ही 3 विभागों को इस बिल को लेकर दो दर्जन से ज्यादा आपत्तियां हैं और उन्होंने कैबिनेट में बिल आने से पहले ही अड़ंगा लगा दिया है. गृह, कानून और वित्त जैसे विभागों ने तकरीबन 20 आपत्तियां जताई हैं. सबसे बड़ी आपत्ति तो ये है कि जब डीडीए और दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंदर आते हैं तो उन्हें दिल्ली लोकपाल बिल के दायरे में कैसे रखा जा सकता है.
गृह विभाग की तरफ से तो इतना तक कहा गया है कि जब लोकपाल के पास अदालत के अधिकार हैं ही नहीं तो फिर वो सज़ा कैसे दे सकती है. जाहिर है ऐसे में केजरीवाल के लिए जनलोकपाल बिल पर जनता से किया हुआ वादा पूरा करने में आसानी नहीं होगी.