NGT के आदेश के बाद जंतर-मंतर पर सभी प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है. जंतर-मंतर पर लगे सभी प्रदर्शनकारियों के पंडाल भी हटा दिए गए हैं.
सोमवार की सुबह एनडीएमसी पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान जंतर-मंतर पहुंचे और यहां वर्षों से शांतिपूर्वक तरीके से अपना विरोध व्यक्त कर रहे प्रदर्शनकारियों को पूरी तरह हटा दिया.
2015 से धरने पर बैठे पूर्व सैनिक भी हटाए गए
जंतर-मंतर से अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ-साथ 'वन रैंक वन पेंशन ' की मांग के समर्थन में वर्षों से प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों को भी खदेड़ दिया गया. सरकार की इस कार्रवाई से पूर्व सैनिक बेहद खफा हैं. उनका कहना है कि उन्होंने पुलिस और एनडीएमसी से यह मांग की है कि वे 1 घंटे में इस जगह को खाली कर देंगे. लेकिन उन्हें इतना समय भी नहीं दिया गया और जंतर-मंतर से हटा दिया गया.
पूर्व सैनिकों ने यहां तक कहा कि उनके साथ पुलिस ने बल प्रयोग भी किया. कुछ प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. पुलिस और प्रदर्शनकारियों से जंतर मंतर खाली करने का आग्रह कर रही थी, लेकिन जब प्रदर्शनकारी नहीं हटे तो पुलिस ने उन्हें जबरन बसों में बिठाया.
लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा
जंतर-मंतर से हटाए जाने और विरोध प्रदर्शन के लिए दूसरी कोई जगह नियत न करने को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसी बात है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सरकार से अपनी मांग रख रहे हैं और वह भी शांतिपूर्ण तरीके से, बावजूद इसके उनको यहां से हटा दिया गया.