दिल्ली के करोल बाग के होटल अर्पित अग्निकांड को लेकर नार्थ एमसीडी ने बड़ी कार्रवाई की है. नार्थ एमसीडी ने करोल बाग के 57 होटलों का लाइसेंस रद्द कर दिया है. दिल्ली फायर सर्विसेस की ओर से एनओसी रद्द किए जाने के बाद एमसीडी ने ये कार्रवाई की है.
एमसीडी के मुताबिक दिल्ली में होटल चलाने के लिए दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले फायर विभाग से एनओसी लेना होता है. दिल्ली फायर सर्विस जब अपना एनओसी दे देती है उसके बाद एमसीडी उस होटल को चलाने के लिए लाइसेंस देती है. हालांकि अब जब दिल्ली फायर सर्विस की तरफ से तमाम होटलों की एनओसी कैंसिल कर दी गई है तो अब एमसीडी ने इन 57 होटलों के लाइसेंस को रद्द कर दिया है.
क्या है नियम
नॉर्थ एमसीडी के सदर के नेता जयप्रकाश के मुताबिक होटलों का लाइसेंस रद्द होने के बाद अब होटल मालिक अपने होटल में ना खाना खिला पाएंगे ना ही रूम बुक कर पाएंगे. ऐसे में अगर होटल प्रबंधक नोटिस मिलने के बाद भी कारोबार करते हैं तो उनके होटलों को सील किया जाएगा.
एमसीडी ने दिल्ली सरकार पर मंडा आरोप
नार्थ एमसीडी के नेता सदन का दिल्ली सरकार और दिल्ली फायर सर्विस पर आरोप लगते हुए कहा कि पिछले काफी समय से दिल्ली के करोल बाग में यह होटल चल रहे थे और होटलों को दिल्ली फायर सर्विस की तरफ से एनओसी दिया गया था, जोकि पूरी तरह से ताक पर रख कर दिया गया था.
एमसीडी का काम फायर की तरफ से एनओसी मिलने के बाद शुरू होता है. अगर फायर एनओसी दे देती है तब एमसीडी उसको लाइसेंस देती है, लेकिन दिल्ली फायर सर्विस ने नियमों को ताख पर रखकर एनओसी दी थी.
अभी भी चल रहे हैं होटल
फायर विभाग की तरफ से इन तमाम होटल की फायर एनओसी कैंसिल होने के बाद और एमसीडी द्वारा लाइसेंस रद्द होने के बाद भी दिल्ली के करोल बाग में तमाम होटलों में अभी कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार का और प्रशासन का लाइसेंस रद्द करना और एनओसी कैंसिल करना क्या सिर्फ एक खानापूर्ति है या फिर मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं है.