ऐसा लगता है कि देश में सबसे धीमे प्रोजेक्ट पूरे करने का श्रेय हर जगह एमसीडी ही लेना चाहती है. तभी तो बीते दिनों 20 साल से बन रहे रानी झांसी फ्लाईओवर का उद्घाटन हुआ था और अब किशनगंज रेलवे अंडर ब्रिज को बनने में पूरे 10 साल लग गए.
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बीजेपी के तमाम नेताओं के साथ उत्तरी दिल्ली के किशनगंज इलाके में पहुंचे और वहां एक रेलवे अंडर ब्रिज का उद्घाटन किया. मंत्री ने भाषण में लंबे-लंबे कसीदे जरूर पढ़े लेकिन यह बताना भूल गए कि यह पुल 10 सालों से बन रहा है.
दरअसल, इस अंडर ब्रिज के निर्माण की शुरुआत जून 2008 में हुई थी तब से यह पुल लगातार धीमी गति से बन रहा है. उत्तरी दिल्ली की मेयर आदेश गुप्ता ने श्रेय लेते हुए कहा कि इस बार के एमसीडी सरकार ने ऐसे-ऐसे काम पूरे किए जो बीते कई वर्षों से अधूरे पड़े थे.
लेकिन मुश्किलें भी कम नहीं
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने बताया कि 30 जून 2008 को शुरू हुई इस परियोजना के लिए 200 दुकानों, 02 ट्रांसफॉर्मर्स/सब स्टेशन और 05 धार्मिक स्थलों को वैकल्पिक स्थान देकर स्थानांतरित करना पड़ा है. दरअसल, किशनगंज आरयूबी परियोजना की कुल लागत 41.43 करोड़ रूपए है और इसे उत्तर रेलवे, दिल्ली जल बोर्ड, बीएसईएस, एनडीपीएल से सहयोग से बनाया गया है.
यानी साफ है कि जितना ज्यादा विभाग उतना ज्यादा समय इस निर्माण के लिए लगा है. बहरहाल, एक बात तो साफ है कि भले ही दिल्ली एमसीडी देश की राजधानी में एक अहम हिस्से में सरकार चलाती हो लेकिन इसके बावजूद एमसीडी की कार्यप्रणाली किसी ग्रामीण इलाके की संस्था से कम नहीं है.