स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाने की वर्षों पुरानी परंपरा आजादी के उस एहसास को पूरा कर देती हैं, जो हमें बड़ी मुश्किलों से मिली है. आजादी के इसी एहसास को ताजा करने के लिए पतंगबाजी होती है. राजधानी दिल्ली के बाजार पतंगों की रंगीनियों से गुलजार हैं. बड़े, बूढ़े, बच्चे हर कोई अपने लिए पतंग पसंद करने में लगा हुआ हैं. दुकानों में मोदीजी की पतंग का बोलबाला हैं.
लोगों की डिमांड पर दुकानों में सबसे ज्यादा मोदीजी पतंग दिख रही है. इसके बाद पिछले साल की सबसे चर्चित फिल्म 'बाहुबली' की भी पतंगे बाजार में खूब नजर आ रही हैं. 'बाहुबली' के बाद सलमान का जादू पतंगों पर छाया हुआ है. 'बजरंगी भाईजान' पतंग बाजार में भी जलवे बिखेर रहे हैं.
शाहरुख से ज्यादा सलमान का क्रेज
दुकानदार शोएब बता रहे हैं की शाहरुख से ज्यादा सलमान की पतंग का क्रेज है. बच्चों के पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर्स की पतंगें के बाजार में धूम मचा रही हैं. डोरेमोन, छोटा भीम, बैनटेन और स्पाइडर मैन की पतंगों का क्रेज भी बच्चों के सिर चढ़कर बोल रहा है. बच्चों के साथ इंदिरापुरम से बाजार में पतंगों की शॉपिंग करते साकिब भी बैनटेन और स्पाइडर मैन की पतंगों की शॉपिंग कर रहे हैं.
कोई किसी भी उम्र का हो, सबको आजादी महसूस हो और अपने अधिकार मालूम हो यही इस आजादी का मकसद है. इसलिए पतंगबाजी के शौक के लिए उम्र से ज्यादा जज्बे और आजादी की दीवानगी को महसूस करने की जरूरत है.