दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के सदस्य मनजिन्दर सिंह सिरसा ने केजरीवाल सरकार की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को ओछी राजनीति से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि आम आदमी में केजरीवाल सरकार के प्रति गहरा आक्रोश है. वह हर फ्रंट पर फेल हो गई है. साढ़े तीन साल में उसने कुछ नहीं किया.
मनजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि सरकार बड़ी चालाकी से अपनी नाकामियों का ठीकरा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त न होने पर फोड़ रही है. उसके लिए यह कहना बहुत आसान है कि उसे पूर्ण राज्य का दर्जा ना होने के कारण काम करने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार जो कर सकती थी, वह भी नहीं किया.
उन्होंने कहा कि दो वर्ष पहले 178 करोड़ का मुनाफा कमाने वाला दिल्ली जल बोर्ड बाद के दो वर्ष में 800 करोड़ रुपये का घाटा कैसे दे गया? क्या दिल्ली अगर पूरा राज्य होती तो यह घाटा बच सकता था, बिल्कुल नहीं. नाकाम सरकार नाकाम ही रहती है. व्यवस्था पर दोष मढ़ने का कोई फायदा नहीं. सरकार हर फ्रंट पर फेल रही है.
उन्होंने कहा कि तीन वर्ष चार महीने बीत जाने के बाद सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव लेकर आई है. यह आम आदमी के खिलाफ एक साजिश है. सरकार अपनी उपलब्ध शक्तियों का प्रयोग करते हुए जो उपलब्धियां प्राप्त कर सकती थी, उन्हें प्राप्त करने में वो बुरी तरह विफल हो गई.
केजरीवाल सरकार ने समस्याओं का समाधान करने के बजाए जनता में भ्रम पैदा करने के लिए एक नया मुद्दा रख दिया. सरकार बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में बुरी तरह नाकाम रही है. ना कोई नए स्कूल खुले हैं, ना कोई अस्पताल, ना कोई पुल बने हैं, ना कोई फ्लाईओवर. इसलिए नाकामियों को छुपाने के लिए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का शगूफा छोड़ दिया. उन्होंने प्रस्ताव पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के पास इसके लिए कोई रूपरेखा तक नहीं है.