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Sulli Deals केस में आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ चलेगा मुकदमा, दिल्ली LG ने दी मंजूरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने Sulli Deals केस में मुख्य आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है. अब दिल्ली पुलिस ओमकारेश्वर के खिलाफ मुकदमा चला सकेगी. इससे पहले दिल्ली की एक कोर्ट ने आरोपी को जमानत दे दी थी.

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Sulli Deals केस में आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर (फाइल फोटो)
Sulli Deals केस में आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर (फाइल फोटो)

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने Sulli Deals केस में मुख्य आरोपी ओमकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है. अब दिल्ली पुलिस ओमकारेश्वर के खिलाफ मुकदमा चला सकेगी. आरोपी ने मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाने के लिए Sulli Deals मोबाइल ऐप और Sulli deals ट्विटर हैंडल बनाया था, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को बदनाम और अपमानित करना था.

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Sulli Deals केस में मुख्य आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर के खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने CrPC की धारा 196 के तहत केस चलाने की मंजूरी दे दी है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपी के खिलाफ 7 जुलाई 2021 को मामला दर्ज किया था. दिल्ली के एलजी ने अपनी मंजूरी देते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टतया मामला बनता है. इसलिए  अपराध करने के लिए मुकदमा चलाने  की मंजूरी दी जाती है. 

इंदौर से गिरफ्तार हुआ था आरोपी

दिल्ली पुलिस ने मध्य प्रदेश के इंदौर से Sulli Deals के मास्टरमाइंड ओमकेश्वर ठाकुर को गिरफ्तार किया था. हालांकि दिल्ली की एक कोर्ट ने मार्च 2022 में Sulli Deals के आरोपी ओमकारेश्वर और Bulli Bai केस में आरोपी नीरज बिश्नोई को जमानत दे दी थी. पुलिस ने कहा कि Sulli Deal का मास्टरमाइंड ओमकेश्वर ठाकुर एक वेब-डेवलपिंग कंपनी चलाता था. इतना ही नहीं, वह 7-8 ट्विटर हैंडल भी ऑपरेट कर रहा था. दरअसल इसके ग्रुप में करीब 12 लोग शामिल थे, जो ट्विटर पर एक समूह के रूप में काम कर रहे थे. 

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ग्रुप के हर मेंबर ने अपलोड की महिलाओं की तस्वीरें 

पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड ओमकेश्वर ठाकुर ने GitHub पर कोड/एप डवलप किया था. इसे Sulli deal नाम दिया गया. GitHub की एक्सेस ग्रुप के सभी सदस्यों के पास थी. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एप की जानकारी एक-दूसरे के साथ शेयर की. ग्रुप के लोगों ने ही ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की थीं. Sulli Deals पर मचे हंगामे के बाद आऱोपी ने App समेत पूरा डाटा डिलीट कर दिया था. 

बीते साल जुलाई में आया था पहला मामला

सुल्ली डील्स वाला मामला सबसे पहले पिछले साल जुलाई में सामने आया था. तब कहा गया था कि एक ऐप पर महिलाओं की तस्वीरें शेयर की जा रही थीं. उन तस्वीरों को नीलाम किया जा रहा था. इसके कुछ महीने बाद ही बुली ऐप भी सामने आ गई थी जहां पर फिर महिलाओं की तस्वीरों को नीलाम किया गया. एक महिला पत्रकार ने शिकायत की थी और उसके बाद जांच शुरू की गई. फिर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, इस मामले में कई बड़े खुलासे हुए. 

 

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