दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच अब दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) के चेयरमैन को लेकर विवाद छिड़ गया है. दरअसल एलजी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में DERC के नए चेयरमैन को शपथ दिलाने में देरी पर चिंता जताई है. साथ ही केजरीवाल से जल्द से जल्द शपथ सुनिश्चित करने को कहा है.
एलजी ने मुख्यमंत्री को कहा कि जानबूझकर ऊर्जा मंत्री आतिशी डीईआरसी चेयरमैन का शपथ ग्रहण नहीं करवा रही हैं. उन्होंने लिखा कि नए नियुक्त किए गए चेयरमैन जस्टिस उमेश कुमार ने अपना पदभार ग्रहण करने के लिए ऊर्जा मंत्री से समय मांगा, लेकिन ऊर्जा मंत्री समय नहीं दे रही हैं.
उपराज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में जिक्र किया है कि चूंकि डीईआरसी चेयरमैन को राष्ट्रपति ने नियुक्त किया है इसलिए ऐसा कर जानबूझकर राष्ट्रपति के आदेश की अवहेलना की जा रही है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार तीन जुलाई तक चेयरमैन का शपथ ग्रहण समारोह नहीं करवा रही है. इसके बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल को कहा कि 28 जून तक शपथ ग्रहण सुनिश्चित किया जाए.
अध्यादेश के बाद एलजी ने किया प्रयोग
बीती 19 मई को केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के बाद पहली बार एलजी ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए नए डीईआरसी चेयरमैन को नियुक्त किया था. नए अध्यादेश के सेक्शन 45b में इस बात का जिक्र है कि बोर्ड में चेयरमैन की नियुक्ति उपराज्यपाल के सुझाव पर राष्ट्रपति कर सकते हैं. इतनी शक्ति का इस्तेमाल राष्ट्रपति ने करके डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति कर दी है.
बिजली की कीमतें तय करता है DERC
बता दें कि डीईआरसी वह आयोग है जो दिल्ली में बिजली की कीमतों को तय करता है. इसके चेयरमैन का पद कई महीनों से खाली है और इसी वजह से दिल्ली सरकार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग के चेयरमैन को नियुक्त करने का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार का है लेकिन तब तक नया अध्यादेश नहीं आया था. अब अध्यादेश आने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं और उसमें नियमों में भी बदलाव कर दिया गया है.
दिल्ली सरकार ने भी की थी नियुक्ति
इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति की थी. मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट के जज जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति दिल्ली सरकार ने बतौर डीईआरसी चेयरमैन की. लेकिन जस्टिस श्रीवास्तव ने निजी कारणों की वजह से इस पद पर आने से मना कर दिया. ऐसे में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नए अध्यादेश के तहत मिली शक्तियों के इस्तेमाल का मौका मिला. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस उमेश कुमार को डीईआरसी के चेयरमैन के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा राष्ट्रपति के पास भेजी जिसे राष्ट्रपति ने बुधवार को नोटिफाई कर दिया.