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दिल्लीवालों से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने की तैयारी, AAP ने एलजी-एमसीडी के फैसले का किया विरोध

एमसीडी के आला अधिकारियों की 4 जुलाई को मीटिंग हुई थी. इसमें प्रॉपर्टी टैक्स के नए स्ट्रक्चर को तय किया गया है. एक फीसदी शिक्षा सैस बढ़ाने पर भी बात हुई है. आम आदमी पार्टी ने टैक्स बढ़ाने पर विरोध जताया है.

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AAP ने एमसीडी पर उपराज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगाया (सांकेतिक तस्वीर)
AAP ने एमसीडी पर उपराज्यपाल को गुमराह करने का आरोप लगाया (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्रेड लाइसेंस फीस बढ़ाने का व्यापारी आज करेंगे प्रदर्शन
  • दावा: जल्द ही एक फीसदी शिक्षा सैस बढ़ाने वाले हैं एलजी

दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाए जाने के फैसले को लेकर आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और MCD के अधिकारियों पर हमलावर हो गई है. AAP नेता आतिशी का आरोप है कि MCD प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में हाउस टैक्स या कॉमर्शियल टैक्स समय से भरने वाले लोगों पर और बोझ बढ़ जाएगा.

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वहीं AAP प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि जब एमसीडी का एकीकरण किया गया तो दिल्लीवालों को यह कहकर धोखा दिया गया था कि अब पैसा केंद्र सरकार से लिया जाएगा. दिल्ली के उपराज्यपाल के यहां 11 जुलाई को चट्ठी आई है, जिसमें ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि यह पैसा दिल्लीवालों के खून-पसीने की कमाई से निचोड़कर निकाला जाएगा. 

वहीं टैक्स बढ़ोतरी के खिलाफ दिल्ली के व्यापारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. MCD द्वारा ट्रेड लाइसेंस की फीस बढ़ाने के खिलाफ व्यापारी बुधवार को प्रदर्शन करेंगे. वह गांधी पीस फाउंडेशन से लेकर बीजेपी मुख्यालय तक मार्च निकालेंगे, जहां वह बीजेपी दफ्तर का घेराव कर विरोध जताएंगे.

4 जुलाई को MCD की बैठक में हुआ फैसला

AAP नेताओं ने बताया कि 4 जुलाई को MCD के आला-अधिकारियों की मीटिंग हुई, जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स के नए स्ट्रक्चर को तय किया गया. दिल्लीवालों से ज्यादा टैक्स वसूलने का काम एलजी को दे दिया गया है. कुछ ही दिनों में नए प्रॉपर्टी टैक्स की मार दिल्लीवाले झेलने वाले हैं.

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इतना ही नहीं एलजी जल्द ही एक फीसदी शिक्षा सैस बढ़ाने वाले हैं. यह टैक्स ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ दिल्ली के प्रॉपर्टी टैक्स में जोड़ा गया है. हम इसका पूरी तरह से विरोध करते हैं.

लोन देने के बाद भी MCD नहीं दे रहा वेतन

AAP विधायक आतिशी ने दावा किया कि नगर निगम को 2010-11 में दिल्ली सरकार से मात्र 1465 करोड़ रुपये से मिले थे, लेकिन 2015-16 में जब अरविंद केजरीवाल की सरकार आई, तो उसने निगम को 5908 करोड़ रुपये दिए. 2021-22 में नगर निगम का बजट 6172 करोड़ तक पहुंच गया.

इसके अलावा तीनों एमसीडी को लोन भी दिया. आज एमसीडी पर दिल्ली सरकार का करोड़ों रुपयों का लोन बकाया है. पैसा और लोन मिलने के बावजूद आजतक एमसीडी से दिल्ली में साफ-सफाई और सफाई कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों, नर्सेस की तनख्वाह देने का काम नहीं किया है. 

LG को गुमराह कर रहे MCD के अधिकारी

AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि MCD के अधिकारी उपराज्यपाल को पूरी तरह से गुमराह कर रहे हैं. उपराज्यपाल ने अपने बयान में कहा है कि आरडब्ल्यूए अपने क्षेत्र का 90 फीसदी प्रॉपर्टी टैक्स वसूलेगी.

उन्होंने कहा कि पहली बात, यह काम आरडब्ल्यूए का नहीं है. दूसरी बात यह कि आप आरडब्ल्यूए से कह रहे हैं कि अगर 90 फीसदी टैक्स आ गया तो उसका 10 फीसदी हिस्सा आप उनकी कॉलोनी में खर्च करेंगे. 

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RWA कॉलोनी में 1 लाख रुपये में कैसे होगा काम?

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अब आरडब्ल्यूए कॉलोनी में अधिकतम एक लाख रुपये के काम करवाएंगे. उन्होंने पूछा कि अधिकारी बता दें कि कॉलोनी में कौन सा बात इतने रुपये में हो सकता है.

उन्होंने कहा कि एक छोटी गली में नाला बनवाने का काम भी 6-7 लाख में होता है. एक सड़क का काम 3-4 करोड़ में पूरा होता है. एक झूले का सेट भी एमसीडी में एक लाख रुपये का लगता है. एलजी कॉलोनियों में ऐसा कौन सा काम कराना चाहते हैं, जो एक लाख में पूरा हो जाएगा. एमसीडी के अफसर ऐसी बातें करके उपराज्यपाल का मजाक उड़वा रहे हैं.

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