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दिल्ली: FBU जासूसी मामले में उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के खिलाफ दर्ज होगा केस, LG सक्सेना ने दी मंजूरी

आरोप है कि FBU ने फरवरी से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की. यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी. दिल्ली सरकार ने 2015 में फीड बैक यूनिट (FBU) का गठन किया था. उस समय शुरुआत में इसमें सिर्फ 20 अधिकारी ही थे.

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने फीडबैक यूनिट (FBU) मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की मंजूरी दे दी है. सीबीआई ने दिल्ली सरकार की 'फीडबैक यूनिट' पर जासूसी का आरोप लगाते हुए सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.

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इसके बाद अब एलजी सक्सेना ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत केस दर्ज करने की मंजूरी दी है. एलजी ने इस मामले में अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है. 

क्या है मामला?

दरअसल, दिल्ली सरकार ने 2015 में फीड बैक यूनिट (FBU) का गठन किया था. तब इसमें 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया था. आरोप है कि FBU ने फरवरी 2016 से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की. यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी. इतना ही नहीं यूनिट के लिए LG से भी कोई अनुमति नहीं ली गई. आरोप है कि यूनिट ने तय कामों अलावा राजनीतिक खुफिया जानकारी भी इकट्ठा की. 

सीबीआई को शुरुआती जांच में सबूत मिले हैं कि FBU ने राजनीतिक खुफिया जानकारी इकट्ठा की. इसके बाद सीबीआई ने 12 जनवरी 2023 को इस मामले में खुफिया विभाग को एक रिपोर्ट पेश की और एलजी से भ्रष्टाचार के मामले में मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.

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