दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर हमला बोल दिया. उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) में आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता काम कर रहे हैं.
एलजी ऑफिस ने दावा किया कि इन लोगों में से एक सीएम केजरीवाल के निजी बाउंसर के रूप में काम कर रहा है. मनीष सिसौदिया से जुड़े कर्मचारियों में से एक 7 साल की जेल की सजा का दोषी है. AAP विधायक दुर्गेश पाठक की पत्नी को भी 1 लाख रुपये वेतन मिल रहा है.
एलजी ने दावा किया कि दिल्ली विधान सभा ने 116 फेलो और एसोसिएट फेलो नियुक्त किए हैं. इसके अलावा डीजेबी और डीयूएसआईबी आदि में विशेषज्ञ के रूप में भी नियुक्तियां हुई हैं. ये सभी लोग AAP कार्यकर्ता हैं. उनका कहना है कि इन सभी लोगों का चयन नियमों को ताक पर रखकर और एससी-एसटी-ओबीसी आरक्षण का पालन किए बिना की गई है.
- अरविंद केजरीवाल के पर्सनल बॉडी गार्ड और बाउंसर राम कुमार झा को 60,000 रुपये सैलरी दी जा रही है. उन्हें अक्सर झाड़ू और AAP के लिए खुलेआम प्रचार करने के अलावा, केजरीवाल तक पहुंचने की कोशिश करने वाले मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है.
- निशा सिंह को 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. उन्हें मनीष सिसोदिया के साथ अटैच किया गया था. इन्हें भीड़ हिंसा को उकसाने के लिए 7 साल की सजा सुनाई गई है.
- आंचल बावा पाठक को भी 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. ये केजरीवाल के खास और AAP विधायक दुर्गेश पाठक की पत्नी हैं.
- पूर्व मीडियाकर्मी और वर्तमान में दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य मीडिया सलाहकार मनोज कुमार झा को 1.5 लाख रुपये दिए जा रहे हैं लेकिन वह बोर्ड के लिए कोई काम नहीं करते. वह चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए खुलेआम प्रचार करते हैं.
- प्रवीण कुमार चादर को एसोसिएट फेलो के तौर पर 1 लाख रुपये दिए जा रहे हैं. ये खुलेआम बीजेपी और कांग्रेस नेताओं को ट्रोल करते हैं, गाली देते हैं और सोशल मीडिया पर AAP की तारीफ करते हैं.
- आम आदमी पार्टी ने एलजी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि ये आरोप न सिर्फ हास्यास्पद हैं बल्कि यह बताते है कि बीजेपी में गहरी हताशा है. बीजेपी ने दिल्ली सरकार के संविदा कर्मचारियों के सोशल मीडिया पोस्ट या लाइक के आधार पर उन्हें आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बता दिया.
- AAP ने कहा कि बीजेपी के मुताबिक जो कोई भी सोशल मीडिया पर सीएम अरविंद केजरीवाल के काम की सराहना करता है, उसे दिल्ली सरकार में काम करने का कोई अधिकार नहीं है. केवल बीजेपी समर्थकों को ही दिल्ली सरकार में काम करना चाहिए. अगर यही मानदंड केंद्र सरकार पर लागू किया जाता, तो आधे से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बीजेपी के पोस्ट को लाइक या ट्वीट करने पर निलंबित कर देना चाहिए.
- AAP का कहना है कि एलजी ने अपने अवैध आदेशों के जरिए जिन 400 लोगों को बर्खास्त करने की मांग की है, उन सभी को संबंधित विभागों के विशिष्ट नियमों और शर्तों के अनुपालन के बाद नियुक्त किया गया है. किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है. दिल्ली जल बोर्ड या डीटीसी जैसे स्वायत्त निकायों के अपने नियम और कानून हैं, जो उनके बोर्डों को उचित प्रक्रिया के बाद अधिकारियों को नियुक्त करने का अधिकार देते हैं, जिसका उन नियुक्तियों में भी पालन किया गया है. एलजी के पास इन नियुक्तियों में हस्तक्षेप करने या उन्हें समाप्त करने का कोई अधिकार नहीं है. हालांकि, अगर किसी को कोई आपत्ति है, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं.
- आम आदमी पार्टी ने कहा कि यह भी हास्यास्पद है कि इन बेबुनियाद आरोपों को लगाने की जल्दबाजी में बीजेपी ने कई ऐसे व्यक्तियों के नाम जारी किए हैं, जिनका दिल्ली सरकार या आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. उदाहरण के लिए, 2019 तक एक रुपये के मामूली वेतन पर उपमुख्यमंत्री कार्यालय में सलाहकार के रूप में काम करने वाली निशा सिंह अब सरकार से जुड़ी नहीं हैं. इसी तरह, प्रियदर्शिनी सिंह का दिल्ली सरकार से कोई संबंध नहीं है, जिनके बारे में बीजेपी दावा करती है कि वह हरियाणा की आप कार्यकर्ता हैं.
हालांकि मिलते-जुलते नाम वाली एक पेशेवर दिल्ली सरकार से जुड़ी है, जो आईआईएम अहमदाबाद से स्नातक है और जिसने दिल्ली के लोग की सेवा के लिए दिल्ली सरकार में काम करने के लिए एमएनसी की उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़ दी है.