दिल्ली के उपराज्यपाल और AAP सरकार के बीच टकराव बढ़ता दिखाई दे रहा है. दिल्ली के नए एलजी वीके सक्सेना ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में कहा कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भ्रम फैला रहे हैं. उनका ऐसा कहना कि पिछले उपराज्यपाल के कार्यकाल में अस्पतालों के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले को बंद कर दिया गया, यह आश्चर्यजनक है.
उन्होंने कहा कि फाइलों की नोटिंग में यह साफ है कि ये जांच बंद नहीं हुई थी इसलिए सिसोदिया का दावा कि जांच दोबारा खोली गई, ऐसा कहना भ्रामक और लोगों को गुमराह करने वाला है. एलजी ने 21 जून को आए मनीष सिसोदिया के उस लेटर का जवाब दिया है, जिसमें उनके एसीबी जांच के आदेश को लेकर सवाल उठा गए थे.
एलजी ने इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को शिकायती अंदाज में एक चिट्ठी भी लिख दी है. उन्होंने सीएम से कहा कि हमारी मीटिंग में करप्शन पर सख्त होने की बात तय हुई थी, इसलिए जब मैं ऐसा कर रहा हूं तो आपका सहयोग अपेक्षित है. गुड गवर्नेंस का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने लिखा कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को ऐसे गैर प्रोडक्टिव और बिना तथ्य की बातें कहने से रोकें, जो भ्रामक और काम में रुकावट डालने वाली हैं.
हर पहलू पर सोचने के बाद दिए थे जांच के आदेश: एलजी
एलजी सक्सेना ने सीएम केजरीवाल से कहा कि उपमुख्यमंत्री का तथ्यात्मक और कानूनी तौर पर गलत बयानी करना दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला है. उन्होंने चिट्ठी में जिक्र किया कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सर्विसेज चुनी हुई सरकार और विधानसभा के कार्यक्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए हर तरह से तकनीकी पर विचार करने के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए. एलजी सक्सेना बताया कि प्रिवेन्शन ऑफ करप्शन एक्ट 1998 के तहत कार्रवाई की गई है.
बीजेपी के इशारों पर एसीबी जांच के दे दिए आदेश: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने सवाल करते हुए कहा कि क्यों नए एलजी पिछले एलजी के निर्णय को गलत मान रहे हैं और ‘भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम’ के नियमों का पालन न करते हुए भाजपा के इशारों पर एसीबी को जांच के आदेश दे रहे हैं. सिसोदिया ने बताया कि उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र भी लिखा है.
पत्र में कहा कि अगर उपराज्यपाल को दिल्ली में भ्रष्टाचार रोकना है, तो वो भाजपा के नेताओं की जगह आम जनता से शिकायतें मांगे और देखें कि कैसे एमसीडी, दिल्ली पुलिस और डीडीए ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार से लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने उपराज्यपाल व सरकार दोनों को साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि भाजपा के नेता काम रुकवाने आएं, तो कानूनों को दरकिनार करें.