दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को राजनिवास से 'फूल वालों की सैर' समारोह का शुभारंभ किया. सभी समुदायों के सदस्य और अजुंमन के पदाधिकारी सोमवार सुबह शहनाई वादकों के साथ राजनिवास पहुंचे. शहनाई की सुमधुर ध्वनियों से समारोह की शुरुआत हुई. सदस्यों ने उपराज्यपाल महोदय को पंखा भेंट किया.
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने कहा कि 'फूल वालों की सैर' समारोह दिल्ली की मिली जुली संस्कृति और विविधता को दर्शाता है. यह दिल्ली में रहने वाले विभिन्न समुदायों की साझी विरासत का भी प्रतीक है. उन्होंने आगे कहा कि यह पंखे सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का प्रतिनिधित्व करते हैं और 'फूल वालों की सैर' दिल्ली में रह रहे विभिन्न सम्प्रदायों के बीच आत्मीय सम्मान और सौहार्द की भावना को प्रोत्साहित करते हैं.
यह समारोह मुगल काल से शुरू हुआ और 1962 में अंजुमन सैर-ए-गुल-फरोशां द्वारा दोबारा शुरू किया गया. इस समारोह में शहनाई वादक, फूलों के बने हुए पंखे चादर और छत्र शामिल होते हैं जो महरौली स्थित देवी योगमाया के प्राचीन मंदिर और ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पर चढ़ाए जाते हैं. उपराज्यपाल 2 नवंबर 2017 को महरौली स्थित देवी योगमाया के प्राचीन मंदिर और ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पर फूलों की चादर भी चढ़ाने जाएंगे.