दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तिहाड़ के जेल नंबर 4 के पूर्व अधीक्षक राज कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (POC) अधिनियम, 1988 की धारा 17A के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है. राज कुमार पर जेल में बंद जालसाज़ सुकेश चन्द्रशेखर से 10 करोड़ रुपये वसूलने में सहयोग करने का आरोप है.
राज कुमार कथित तौर पर तिहाड़ जेल के भीतर से चल रहे जबरन वसूली रैकेट के प्रमुख गुर्गों में से एक था. राज कुमार ने चन्द्रशेखर को जेल में आरामदायक सुविधाएं देने के एवज में पैसे लिए थे. सीबीआई जांच के लिए एलजी की मंजूरी सतर्कता निदेशालय (डीओवी) के औपचारिक अनुरोध के बाद आई है.
सीबीआई सुकेश द्वारा जैन और कुमार सहित उनके कथित सहयोगियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. सुकेश ने दावा किया कि जैन ने उन्हें 2018-2021 के बीच व्यक्तिगत रूप से अपने भागीदारों के माध्यम से 10 करोड़ रुपये सरेंडर करने के लिए धमकाया. यह धनराशि तिहाड़, रोहिणी और मंडोली सहित दिल्ली की विभिन्न जेलों में सुकेश के शांतिपूर्ण और आरामदायक सुविधा के लिए थी.
आरोप है कि संदीप गोयल के साथ घनिष्ठ संबंध रखने वाले राज कुमार को जबरन वसूली योजना में फंसाया गया है. दावा है कि उन्होंने चन्द्रशेखर से पैसे निकाले और कुमार PayTM के माध्यम से उगाही की. गोयल पर मुकेश प्रसाद के साथ मिलकर 2019-2022 के बीच सुकेश चन्द्रशेखर से 12.50 करोड़ रुपये अतिरिक्त लेने का भी आरोप है.
सभी चार आरोपियों, जैन, कुमार, गोयल और प्रसाद ने कथित तौर पर भुगतान के बदले में सुकेश चन्द्रशेखर और दिल्ली की जेलों में अन्य हाई-प्रोफाइल कैदियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया.