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शराब नीति को लेकर जांच के घेरे में सिसोदिया, AAP दफ्तर पर कांग्रेस का प्रदर्शन, इस्तीफे की मांग

सीबीआई ने शराब नीति के तहत गड़बड़ी के मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया है. इसके अलावा सीबीआई की एफआईआर में जिन लोगों के नाम शामिल हैं, वे सभी मनीष सिसोदिया के करीबी हैं. FIR कॉपी से पता चलता है कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अरुण पांडे शराब व्यापारियों से कमीशन लिया करते थे. कमीशन के बदले में ही लाइसेंस दिया जाता था.

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दिल्ली कांग्रेस ने की मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग
दिल्ली कांग्रेस ने की मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग

दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सीबीआई की दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी के बाद अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है. दिल्ली कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में शनिवार को शराब नीति के खिलाफ आम आदमी पार्टी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया.

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उन्होंने गधों पर सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का पुतला रखकर विरोध जताया. उन्होंने इस दौरान आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की.

वहीं इससे पहले मनीष सिसोदिया एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए घर से निकले. इस दौरान सीबीआई रेड के सवाल पर मीडिया से कहा-"... कल मैं कुछ अवांछित और बिन बुलाए मेहमानों के साथ था...'' वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि मैं वह करने जा रहा हूं, जो मुझे करने के लिए बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक वह दोपहर 12 बजे अपने घर एबी-17, मथुरा रोड पर प्रेस वार्ता करेंगे. 

वहीं बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि आरोपी नंबर 1 मनीष सिसोदिया प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर विक्टिम कार्ड या व्हाटअबाउटरी कार्ड या डिफ्लेक्शन कार्ड खेलने की कोशिश करेंगे.

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आरोपी नंबर 11 दिनेश अरोड़ा कौन है?: बीजेपी

वहीं बीजेपी ने मनीष सिसोदिया पर हमला बोला. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया- केजरीवाल जी... आरोपी नंबर 11 दिनेश अरोड़ा के साथ आपका क्या रिश्ता है? वह आपके लिए क्या करता है? आरोपी नंबर 1 मनीष सिसोदिया देर रात मीटिंग के लिए उसके बार क्यों जा रहे थे? वह आपके आवास पर क्यों आमंत्रित किया गया था? शराब घोटाले में उसकी क्या भूमिका थी? और किसके कहने पर उसने यह किया.

हमने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया: सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की रेड के बाद शुक्रवार देर रात बताया कि सीबीआई की टीम उनका कंप्यूटर और पर्सनल मोबाइल सीज करके ले गई है. उन्होंने कहा-'हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. इसलिए हम डर नहीं रहे हैं.हम कट्टर ईमानदार हैं. पिछले 7-8 साल से राजनीति में आए हैं, ईमानदारी की राजनीति करते हैं. हमने कहीं कुछ गलत नहीं किया और आगे भी ऐसे ही काम करते रहेंगे.'

इसके बाद उन्होंने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा कि हम जानते हैं कि सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है. सब लोग जानते हैं कि किस तरह सीबीआई को कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम रोकने की कोशिश की जा रही है.

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144.36 करोड़ के राजस्व नुकसान का आरोप

मुख्य सचिव ने दो महीने पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में GNCTD एक्ट 1991, ट्रांजेक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 के नियमों का उल्लंघन पाया गया था. इसके बाद मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि जब आबकारी विभाग ने शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किए तो इस दौरान मनीष सिसोदिया द्वारा कुल प्राइवेट वेंडर्स को 144 करोड़ 36 लाख रुपये का फायदा पहुंचाया गया, क्योंकि इस दौरान इतने रुपये की लाइसेंस फीस माफ कर दी, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ.

इसके अलावा मनीष सिसोदिया पर यह भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को भरोसे में लिए बिना और उप-राज्यपाल के बिना फाइनल अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए.

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