दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को एक बार फिर कोर्ट से राहत नहीं मिली है. कारण, उनकी जमानत याचिका पर एक फैसला 28 अप्रैल तक टल गया है. दरअसल, बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर 18 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज बुधवार को ईडी मामले में उनकी जमानत पर फैसला सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट अब 28 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी.
बता दें कि दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. मनीष सिसोदिया से जेल में प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) ने भी पूछताछ की थी. ईडी ने पूछताछ के बाद जेल से ही मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. ईडी ने मनीष सिसोदिया को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की थी. मनीष सिसोदिया ने इसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत मांगी थी. पिछले महीने भी उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
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क्या है शराब घोटाला, जिसमें बंद हैं सिसोदिया
मनीष सिसोदिया जिस शराब घोटाले में बंद हैं, वह दिल्ली सरकार की नई शराब नीति से संबंधित है. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी. दिल्ली सरकार ने इस नीति के लागू होने के बाद राजस्व में इजाफे के साथ ही माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था लेकिन हुआ ठीक उल्टा. दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ. दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.
एलजी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. एलजी की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. इस केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था. करीब छह महीने की जांच के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को फरवरी महीने में गिरफ्तार कर लिया था. मनीष सिसोदिया तभी से सलाखों के पीछे हैं.