आम आदमी पार्टी सरकार और एलजी दफ़्तर के बीच एक बार फिर टकराव देखने मिल सकता है. दिल्ली सरकार ने एलजी अनिल बैजल पर विभागों से जुड़े अंदरूनी मामलों को लीक करने का आरोप लगाया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रियों ने तमाम विभागों को निर्देश जारी किया है कि कोई भी फैसला लेने और फ़ाइल आगे बढ़ाने से पहले विभाग से जुड़े मंत्री को जानकरी ज़रूर दें अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.
24 जुलाई को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से सरकारी विभागों और एलजी को भेजा गया दो पन्नों का नोट 'आजतक' के पास मौजूद है. मंत्रियों के हस्ताक्षर वाले नोट में-
1) अधिकारियों को किसी भी तरह की फाइल को मंत्री से न छुपाने के निर्देश दिए गए हैं
2) कोई भी फैसला या आर्डर किसी भी सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी या चीफ सेक्रेटरी की तरफ से पास नही होगा जब तक मंत्री से अनुमति नही मिल जाए
3) विभाग से जुड़े किसी भी मसले पर मंत्री की अनुमति के बिना चर्चा न कि जाए
4) केंद्र सरकार से आई किसी भी फ़ाइल को जल्द से जल्द विभाग के मंत्री, सीएम और एलजी को सौंपी जाए
तमाम मंत्रियों ने हवाला देते हुए अपने नोट में लिखा है कि पिछले कुछ महीनों में कई मामले आये जब सीएम या मंत्री को बताए बिना अधिकारियों ने सीक्रेट फैसले लिए. मंत्रियों ने ज़िक्र किया कि हाल ही में स्कॉलरशिप के मामले में अधिकारियों ने मंत्री को अंधेरे में रखा था. अगर मंत्री या सीएम को बताया जाता तो 5 लाख छात्रों को स्कॉलरशिप की समस्या नही आती हालांकि पब्लिक में आते ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी अनिल बैजल पर इस नोट को लीक करने का आरोप लगा दिया. सिसोदिया ने ट्विटर पे लिखा 'ऑर्डर की ये कॉपी तो एलजी आफिस से लीक की गई है. ऑर्डर के पेज 2 पर यह एलजी आफिस को मार्क कॉपी है.
एलजी दफ़्तर और केजरीवाल सरकार के बीच बढ़ती खींचतान पर 'आजतक' ने मंत्री राजेन्द्र गौतम से बातचीत की है. मंत्री के मुताबिक सभी अधिकारी नियमों से बंधे हुए हैं. अगर जाने अनजाने अधिकारी नियमों की अवहेलना करते हैं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है. नोट का मकसद है कि मंत्री की जानकारी में हर फैसला या निर्देश आना चाहिए और अधिकारियों को कानून के दायरे में काम करना चाहिए क्योंकि सभी संविधान से बंधे हुए हैं. मंत्री राजेन्द्र गौतम आगे कहते हैं कि 'अधिकारियों पर बंदिश डालने जैसी कोई बात नही है. पिछले दिनों कई बार ऐसा हुआ जब फ़ाइल आकर चले गयी और मंत्री को पता नही चला. जब काम नही होता है तो जनता तो मंत्री से जवाब मांगती है.
मनीष सिसोदिया के ट्वीट का समर्थन करते हुए राजेन्द्र गौतम ने कहा कि अगर कोई भी लेटर एलजी को भेजा जाता है उसे पब्लिक में लीक नही किया जाना चाहिए. आम आदमी पार्टी सरकार में हाल ही में मंत्री पद संभालने वाले राजेन्द्र गौतम का मानना है कि अधिकारों की लड़ाई 4 अगस्त को आए हाइकोर्ट के आर्डर के बाद से काफी ज्यादा बढ़ गयी है. अधिकारियों ने सोच लिया है कि जनता और मंत्रियों के प्रति उनकी कोई जवाबदेही नही है. फिलहाल पूर्व एलजी नजीब जंग के बाद अब एलजी अनिल बैजल से केजरीवाल सरकार की तनातनी सामने आने लगी है. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सत्ता के ढाई साल पूरे कर लिए हैं लेकिन अधिकारियों का साथ न मिलना अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम के लिए अब भी बड़ी परेशानी बना हुआ है.