दिल्ली के केशोपुर में जल बोर्ड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के 40 फीट गहरे बोरवेल में गिरे युवक को दोपहर तीन बजे बाहर निकाल लिया गया. दिल्ली पुलिस ने बताया कि बाहर निकालने के बाद वह मृत पाया गया. फिलहाल उसके पहचान की कोशिश की जा रही है. जबतक युवक बाहर नहीं आया था, तब तक यह संशय बना हुआ था कि आखिर बोरवेल में अंदर है कौन.
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना ने TWEET कर जानकारी दी है. उन्होंने X पर अपने हैंडल से लिखा है कि 'बोरवेल फंसे व्यक्ति की मौत हो गयी है.बहुत दुख के साथ यह ख़बर साझा कर रही हूं कि जो पुरुष बोरवेल में गिरे थे, उन्हें रेस्क्यू टीम ने मृत पाया है. ईश्वर अपने श्री चरणों में उन्हें स्थान दे. प्रथम सूचना के मुताबिक मृत व्यक्ति 30 साल के आस पास की उम्र के पुरुष थे. वे बोरेवेल के कमरे में कैसे घुसे, बोरेवेल के अंदर कैसे गिरे - इसकी जांच पुलिस द्वारा की जाएगी. मैं NDRF की टीम का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने कई घण्टों से रेस्क्यू ऑपरेशन में हर संभव प्रयास किया.
रेस्क्यू के बाद मृत पाया गया शख्स
बता दें कि केशोपुर बोरवेल में एक व्यक्ति के गिरने के बाद से ताबड़तोड़ रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. मौके पर एनडीआरएफ के साथ-साथ स्थानीय पुलिस, फायर ब्रिगेड की टीम, एम्बुलेंस और ऐसी आपदा के वक्त सेवाएं देने वाली अन्य संस्थाएं भी मौजूद रही. जब तक शख्स को बोरवेल से नहीं निकाला गया, तक तक उसकी पहचान को लेकर संशय बना रहा. बाहर निकालने के बाद शख्स मृत पाया गया.
बोरवेल से DMRC का कोई लेना देना नहीं
दिल्ली मेट्रो के कंस्ट्रक्शन साइट के पास ही बने बोरवेल में गिरकर युवक की मौत हुई है. इसलिए डीएमआरसी ने यह स्पष्ट किया है कि उसने यह बोरवेल नहीं बनाया था और न ही वह उसका उपयोग कर रहा था. वहां जो पंप रूम है वह दिल्ली जल बोर्ड की है. उसी के अंदर वह बोरवेल था, जब DMRC कंस्ट्रक्शन के लिए इस इलाके को लिया था. इन सब के बावजूद मानवीय आधार पर डीआरएसी के इंजीनियर मौके पर मौजूद रहे और हर संभव मदद के लिए तैयार थे.डीएमआरसी ने कुछ महीने पहले ही जल बोर्ड के लिए वैकल्पिक सड़क और गार्ड रूम बनावा रखा है.
अंदर फंसे शख्स को लेकर बना रहा कन्फ्यूजन
लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे. कोई अंदर फंसे पीड़ित को युवक बता रहा था, तो कोई किशोर या फिर बच्चा. वहीं दूसरी तरफ दूर-दराज इलाके के वैसे परिवार जिनके घर से कोई सदस्य लापता हो गए थे, वे इस उम्मीद में यहां पहुंचे हुए थे कि शायद उनका खोया परिजन अंदर गिरा हो. बोरवेल से शख्स को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी रहा.
गुमशुदा परिजन की खोज में पहुंच गए कुछ परिवार
वहीं आसपास के इलाके के वैसे परिवार जिनके घर का बच्चा या बड़ा मिसिंग है, वेलोग एक उम्मीद में यहां पर आ पहुंचे. मौके पर मौजूद दो ऐसे परिवार इंतजार कर रहे थे, जिनके घर का सदस्य गायब है और जब उन्होंने टीवी पर यह खबर देखी, तो एक उम्मीद में यहां चले आए. एक परिवार ख्याला इलाके से आया है. इनके परिवार का 9 साल का बच्चा पिछले आठ दिनों से गायब है.
उम्मीद में जमे हैं कई परिवार
वहीं दूसरा परिवार रणहौला थाना इलाके से आया था. इस परिवार का 30 साल का शख्स पिछले कुछ समय से गायब है. इन लोगों ने पुलिस में भी मिसिंग की रिपोर्ट दर्ज कराई हुई है, लेकिन इनको लगा कि शायद उनके परिवार का सदस्य ही यहां बोरवेल में ना गिर हो. इसी उम्मीद में यह यहां तक आ गए और येलोग इंतजार कर रहे कि कब बोरवेल से रेस्क्यू अंदर फंसे व्यक्ति को निकाला जाए.