दिल्ली में सोमवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. डॉक्टरों का आरोप है कि रविवार रात एक मरीज के रिश्तेदार ने आपातकालीन वार्ड में डॉक्टर के साथ मारपीट की थी. आरोपी रिश्तेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस कारण डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. हड़ताली डॉक्टर जल्द ही प्रशासन से मिलकर कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग करेंगे.
Delhi: Doctors at Maulana Azad Medical College have called a strike after a duty doctor in the emergency ward was assaulted allegedly by patient's relative last night. Striking doctors will soon meet the administration to demand safety at workplace pic.twitter.com/gUUxOuZWG0
— ANI (@ANI) July 8, 2019
खबरों के मुताबिक रविवार रात साढ़े 11 बजे किसी बात को लेकर एक मरीज के तीमारदार और डॉक्टर में कहासुनी हो गई. मरीज के परिजनों ने हंगामा कर दिया और देखते ही देखते वहां मौजूद मेडिसिन विभाग के डॉ. सऊद मलिक पर हमला हो गया. इस हमले में डॉक्टर को चोटें आई हैं. घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया.
कहा जा रहा है कि इस घटना के बाद मौलाना आजाद के साथ और भी कुछ अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर जा सकते हैं. रविवार की घटना से पहले पिछले हफ्ते ऐसी दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कॉलेज प्रबंधन ने प्रशासन से समुचित सुरक्षा देने की मांग की है. डॉक्टरों का कहना है कि आरोपी की गिरफ्तारी तक हड़ताल जारी रहेगी.
लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने दावा किया है कि मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के तीसरे साल के छात्र डॉ. सऊद पर कल (रविवार) रात हमला हुआ जिस कारण उनकी गर्दन और छाती पर चोट आई है. कंधा भी अपनी जगह से हिल गया है. आरडीए अध्यक्ष साईकेट जेना ने आरोप लगाया कि एक मरीज को ईआर विभाग में लाया गया था और बाद में कुछ जटिलताओं के कारण उसकी मौत हो गई. एक अटेंडेंट ने फिर एक डॉक्टर से मारपीट की."
रेजिडेंट डॉक्टर कविता ने कहा कि "पिछले कुछ दिनों में, डॉक्टरों पर हमले की ऐसी कई घटनाएं अस्पताल परिसर में हुई हैं, इसलिए हम हड़ताल पर चले गए हैं. वेस्ट बंगाल की घटना के बाद उम्मीद थी डॉक्टर की सुरक्षा के लिए यहां भी कुछ इंतजाम किए जाएंगे पर असल में हमलों के हादसे बढ़ गए हैं." मुख्य मांग सुरक्षा विभाग में तैनाती है, जिसमें आपातकालीन विभाग में मार्शल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आरडीए और अस्पताल अधिकारियों के बीच एक बैठक चल रही है.
हड़ताल के चलते मरीजों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा है. एक मरीज के तीमारदार मुरादाबाद के मोहम्मद शाकिर ने कहा कि "हम सुबह 6 बजे से यहां आए हैं खाली पेट, इमरजेंसी में डॉक्टर को दिखाने के लिए. 3 महीने से यहां इलाज चल रहा है पर तबसे 4 बार हड़ताल हो चुकी है. डॉक्टर का जब मन करता है छुट्टी कर लेते हैं, इससे लोग कितने मरते हैं, कभी सोचा है?'