दिल्ली में मेयर पद के चुनाव के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ था. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई. इस बीच सदन में कई पार्षदों को कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे को मारते हुए भी देखा गया था. लेकिन अब ये लड़ाई दिल्ली की सड़कों पर जा पहुंची है. एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के पार्षद और विधायक आज दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे, तो वहीं बीजेपी के तमाम सांसद और नए पार्षद राजघाट पर धरना देते नजर आए.
राजघाट पर दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे बीजेपी के तमाम पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की. बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह वही केजरीवाल हैं, जो संविधान की दुहाई देते थे, लेकिन कल (शुक्रवार) सदन में जिस तरीके से आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने अराजकता फैलाई, पार्षदों पर कुर्सियां फेंकी गईं, वह बेहद शर्मनाक था.
दिल्ली बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी केजरीवाल सरकार और उनकी अराजकता से डरने वाली नहीं है.
वहीं, दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के घर के बाहर प्रदर्शन किया. आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी एलजी द्वारा नियुक्त किए गए पार्षदों को शपथ दिला रहे थे, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक था. इतिहास में पहले इस तरह से एलजी द्वारा नियुक्त किए गए पार्षदों को कभी शपथ नहीं दिलाई गई. आम आदमी पार्टी के नेताओं ने LG वीके सक्सेना के खिलाफ नारेबाजी की.
दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम में मेयर का चुनाव होना था और इस दौरान बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षद आपस में भिड़ गए. उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नियुक्त किए गए 10 पार्षदों की शपथ को लेकर विवाद खड़ा हुआ था. जिसमें कई पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की हुई और कई पार्षद घायल भी हुए.
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