दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के बीच मेयर का चुनाव होगा. 24 जनवरी को निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में होने वाली सदन की दूसरी बैठक की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन किसी भी हंगामे से निपटने के लिए सिविल डिफेंस वालंटियर और मार्शल की मदद लेने की पेशकश पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना से कर दी है. ऐसे में अब एलजी को फैसला लेना है. निगम के अधिकारियों ने बताया कि सदन की 6 जनवरी को होने वाली बैठक में करीब 75 वालंटियर सिविल डिफेंस के लिए लगे थे, अब इनकी संख्या बढ़ाकर 100 की जाएगी.
मार्शल नियुक्ति की मांग
सदन की बैठक को ठीक तरह से चलाने के लिए और हंगामा करने वाले पार्षदों को पीठासीन अधिकारी के आसन तक ना आने देने के लिए मार्शल नियुक्ति की मांग की गई है. पिछली बैठक में हंगामा करने वाले सदस्य ना केवल पीठासीन अधिकारी के करीब पहुंच गए, बल्कि वहां पर रखे हुए दस्तावेज को फाड़ दिया, और माइक टेबल और कुर्सी भी तोड़ दिया. सदन में लगे टूटे हुए माईक की कीमत तय करने के साथ ही सदन के केयरटेकर की तरफ से भरपाई के लिए नोटिस भी दिया जा सकता है.
कांग्रेस के वॉकआउट से भी बीजेपी को मेयर चुनाव में फायदा नहीं
105 निगम पार्षद, 7 MP एक विधायक को मिलाकर मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास कुल वोट 113 हैं. आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि 10 नॉमिनेटेड पार्षदों की शपथ पहले होने के पीछे बीजेपी की मंशा उनको मेयर चुनाव में वोटिंग अधिकार दिलवाना था. ऐसे में 113 में 10 नॉमिनेटेड पार्षदों को शामिल भी कर लिया जाए तो भी आंकड़ा 123 तक ही पहुंचता है. यानी साफ है मेयर चुनाव के लिए बीजेपी को कांग्रेस के 9 और दो निर्दलीय पार्षद बहुत काम के हो जाते हैं.
आम आदमी पार्टी के पास कुल 150 वोट
दूसरी तरफ मेयर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के पास कुल 150 वोट है, 134 पार्षद 13 विधायक और तीन राज्यसभा सांसद इसमें शामिल है. कांग्रेस के वॉकआउट का फायदा बीजेपी को स्टैंडिंग कमेटी के लिए हाउस से अपने तीन सदस्यों को जिताने में मिल सकता है. ऐसे में मेयर चुनाव की बैठक में देर होने पर जोन कमिटी की चुनाव में आम आदमी पार्टी को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ सकती है. मेयर का चुनाव हो जाने पर जोन कमेटियों के चुनाव और स्टैंडिंग कमेटी के लिए ज्यादा से ज्यादा मेंबर चुनवाकर आने की कोशिश आम आदमी पार्टी करेगी.