दिल्ली के लोग अभी गर्मी से हलकान हैं. शहरवासियों को मानसून से राहत की उम्मीद है, लेकिन साथ ही इस बात का डर भी है कि अगर दिल्ली में बारिश हुई तो खुले में पड़ा बजबजाता कचरा और खुली हुई नालियां मुश्किलें बढ़ा देंगी.
दिल्ली एमसीडी में लगातार तीसरी बार बीजेपी सत्ता में आई है. फिर भी राजधानी के कई इलाकों में साफ-सफाई की स्थिति बहुत खराब है. एमसीडी चुनाव से पहले बीजेपी ने जनता से वायदा किया था कि अगर पार्टी चुनाव जीतती है तो अगले दो महीनों में शहर की सड़कें साफ होंगी. खुले में कचरा नहीं दिखेगा और बरसात से पहले नालियों की सफाई भी हो जाएगी ताकि जल जमाव की समस्या खड़ी न हो.
लेकिन जब आज तक की टीम ने सफाई व्यवस्था का जायजा लिया, तो पाया कि हालात में कोई खास सुधार नहीं आया है. मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है पर शहर भर में खुले पड़े कूड़ेदान और जाम पड़ी नालियां अभी भी खुद को साफ किए जाने के इंतजार में हैं.
दिल्ली का त्रिलोकपुरी, दल्लुपुरा और मधु विहार ऐ ऐसे इलाके हैं जो आज तक के कूड़ा टेस्ट में पूरी तरह से फेल हो गए.
बीजेपी ने एमसीडी चुनाव के वक्त शहर में बदलाव के बड़े-बड़े वायदे किए थे लेकिन फिलहाल वो वायदे हकीकत में बदलते हुए नहीं दिख रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि शहरवासियों सफा-सफाई के लिए अभी कुछ और इंतजार करना पड़ेगा.