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MCD चुनाव: 5 सीटों पर उपचुनाव बना 2022 का सेमीफाइल, क्या सीटें बचा पाएगी AAP?

दिल्ली नगर निगम की पांच सीटों पर हो रहे उपचुनाव को अगले साल 2022 में होने वाले एमसीडी चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी से लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने इन चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में देखना है कि उपचुनाव की बाजी कौन जीतता है.  

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एमसीडी उपचुनाव में आम आदमी पार्टी
एमसीडी उपचुनाव में आम आदमी पार्टी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली MCD का उपचुनाव 28 फरवरी को
  • दिल्ली की पांचों MCD सीटें आप के पास रही हैं
  • एमएसडी चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा

दिल्ली नगर निगम की पांच सीटों पर 28 फरवरी को उपचुनाव होने हैं. इस उपचुनाव को अगले साल 2022 में होने वाले एमसीडी चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी से लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने इसमें पूरी ताकत झोंक दी है. तीनों ही पार्टियां एक-एक वोट के लिए जमकर मेहनत कर रही हैं. ऐसे में देखना है कि उपचुनाव की बाजी कौन जीतता है.  

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पांच MCD सीटों पर उपचुनाव
दिल्ली नगर निगम की जिन पांच सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें 3 सीटें पूर्वी दिल्ली नगर निगम की हैं तो 2 सीटें उत्तरी दिल्ली नगर निगम की हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम के त्रिलोकपुरी, कल्याणपुरी और चौहान बांगड़ वार्ड पर उपचुनाव हो रहे हैं जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की रोहिणी सी और शालीमार बाग नॉर्थ वार्ड में उपचुनाव हो रहे हैं. इनमें से शालीमार बाग नॉर्थ महिला के लिए जबकि त्रिलोकपुरी व कल्याणपुरी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है. इसके अलावा रोहिणी सी चौहान बांगड़ सामान्य सीट है. 

AAP के सामने सीटें बचाने की चुनौती
दिल्ली एमसीडी की इन सभी पांच वार्डों पर दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी का कब्जा रहा था. पिछले साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद इन सीटों के पार्षदों के विधायक चुने जाने के चलते ये सीटें रिक्त हुईं और अब उपचुनाव हो रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों से लेकर मंत्रियों तक को चुनावी अभियान में लगा रखा है. AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय, विधायक सौरभ भारद्वाज, एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक, राज्यसभा सदस्य संजय सिंह सहित तमाम विधायक नुक्कड़ सभाएं करके वोट मांग रहे हैं. 

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AAP ने उतारे दो पूर्व विधायक

बता दें कि दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल से बीजेपी काबिज है जबकि दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी 6 साल से विराजमान है. ऐसे में आम आदमी पार्टी उपचुनावों में अपनी तरफ से कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि इस बार 5 सीटों में से 2 सीट पर आम आदमी पार्टी ने पूर्व विधायकों को टिकट दिया है. वार्ड नम्बर 41ई  चौहान बांगर से सीलमपुर के पूर्व विधायक हाजी मोहम्मद इशराक खान को टिकट दिया गया है जबकि वार्ड नबंर 32 एन रोहिणी-सी से बवाना के पूर्व विधायक राम चन्द्र मैदान में हैं. 

सीलमपुर में मुस्लिम बनाम मुस्लिम की लड़ाई
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के वार्ड-41ई चौहान बांगर सीट पर सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला होता दिख रहा है, जिस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं. यहां से सीलमपुर के पूर्व विधायक आप प्रत्याशी मोहम्मद इशराक खान के खिलाफ कांग्रेस से पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद के बेटे चौधरी जुबैर अहमद मैदान में है. वहीं,  बीजेपी ने भी इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है और मो नजीर अंसारी को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. 

पूर्वी विधायक के सामने कड़ी चुनौती
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की वार्ड-32एन रोहिणी सीट पर भी AAP की साख दांव पर लगी हैं. यहां से आप ने बवाना के पूर्व विधायक को राम चंद्र को प्रत्याशी बना रखा है, जिनके खिलाफ कांग्रेस ने मेमवती बरवाला और बीजेपी से राकेश गोयल को उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. ऐसे ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के वार्ड-62एन शालीमार बाग से AAP की प्रत्याशी सुनीता मिश्रा, कांग्रेस प्रत्याशी ममता और बीजेपी प्रत्याशी सुरभि जाजू के बीच कांटे का मुकाबला मुकाबला माना जा रहा है. 

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पूर्वी दिल्ली नगर में दलित बनाम दलित
पूर्वी दिल्ली नगर निगम की तीन सीटों में से दो पार्षद सीटें सुरक्षित हैं, जहां दलित बनाम दलित के बीच मुकाबला है. पूर्वी दिल्ली के वार्ड-8ई कल्याणपुरी से आप प्रत्याशी धीरेंद्र कुमार (बंटी गौतम), कांग्रेस प्रत्याशी धर्मपाल मौर्या और बीजेपी प्रत्याशी सियाराम कनौजिया के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. वहीं, जबकि वार्ड-2ई त्रिलोकपुरी से आप प्रत्याशी विजय कुमार, कांग्रेस प्रत्याशी बाल किशन और बीजेपी प्रत्याशी ओम प्रकाश गुंगरवाल  के बीच सीधा मुकाबला है.

आम आदमी पार्टी अपनी पांचों सीटें बचाने की कवायद में जुटी है तो बीजेपी और कांग्रेस उपचुनाव जीतकर यह अगले साल होने वाले चुनाव के लिए सियासी संदेश देना चाहती हैं. ऐसे में इस उपचुनाव में सीट किसके हाथ में आएगी यह देखने की बात होगी, लेकिन उपचुनाव को जीतने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. 

 

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