स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ शहरों की सूची आ गई है, लेकिन दिल्ली वालों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगी. एनडीएमसी और दिल्ली कैंट इलाके को छोड़कर एमसीडी एक बार फिर टॉप सूची से बाहर है.
दिल्ली 'आजतक' का रियलिटी चेक
दिल्ली में एमसीडी के किसी भी हिस्से में चले जाइए आप को कूड़े के ढेर और गंदगी का अंबार आसानी से मिल जाएगा. निम्न आय वर्ग की और मध्यम आय वर्ग की कॉलोनियों को तो छोड़ए, पॉश और हाई प्रोफाइल इलाकों में भी गंदगी का ढेर लगा हुआ है. मॉडल टाउन आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष संजय गुप्ता का कहना है कि सबसे ज्यादा टैक्स देने के बावजूद मॉडल टाउन जैसे पॉश इलाके सफाई से कोसों दूर है.
दिल्ली के हाई प्रोफाइल इलाकों में भी एमसीडी पीछे
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में भी स्थिति ऐसी ही है. यहां की आरडब्ल्यूए बीते कई दिनों से अपनी परेशानी एमसीडी को बता रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही. ग्रेटर कैलाश आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी राजीव काकरिया कहते हैं कि एमसीडी पूरी तरह से फेल हो गई है. दिल्ली का निम्नवर्गीय हो या बेहद पॉश इलाका हर जगह गंदगी के ढेर लगा है.
मेयर ने माना गंदी रह गई है दिल्ली
उत्तरी दिल्ली के नगर निगम के मेयर आदेश गुप्ता भी मानते हैं नगर निगम सफाई के मामले में बहुत पीछे हैं और काफी काम करना बाकी है. आदेश गुप्ता कहते हैं कि उन्हें मेयर पद पर बैठे हुए कुछ दिन हुए हैं लेकिन वह इस स्थिति को लेकर हमेशा से गंभीर हैं. आने वाले एक साल के अंदर एमसीडी के कार्यक्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.