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Delhi MCD Election: निगमों की खस्ता वित्तीय हालत, एकीकरण से खुश हैं कर्मचारी

Delhi Mcd Election 2022: दिल्ली की तीन नगर निगमों की कुल 272 वार्ड हैं, इस बार के नगर निगम चुनावों में 10.4 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. साल 2017 के नगरपालिका चुनावों में भाजपा ने प्रभावशाली जीत दर्ज की थी और राजधानी के तीन निगमों में 272 वार्डों में से 181 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली की तीन नगर निगमों की कुल 272 वार्ड हैं
  • तीन निगमों को एक करने के बाद होंगे MCD चुनाव

दिल्ली में नगर निगम चुनावों (Delhi MCD Polls 2022) की तारीखों का ऐलान कुछ ही दिनों में होने वाला है. निगम चुनावों से पहले केंद्र सरकार तीनों निगमों को एक करने का प्लान कर रही है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि तीनों निगमों को एक किए जाने की मांग केंद्र से MCD एंप्लाइज यूनियन पिछले तीन सालों से कर रहा है.

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तीनों निगमों को एक किए जाने के विचार पर कनफेडरेशन ऑफ एंप्लाइज यूनियन के कन्वीनर एपी खान ने कहा कि MCD यूनियन केंद्र से बेलआउट पैकेज की मांग लगातार कर रही थी. तीनों कॉरपोरेशन को एक करने के लिए चुनाव आयोग को खत भी लिखा गया था. उन्होंने कहा कि डीएमसी एक्ट 490 कहता है कि केंद्र सरकार कभी भी हस्तक्षेप करके कॉरपोरेशन के कामकाज में दखल कर सकता है. खासकर तब जब निगम की वित्तीय हालत ठीक नहीं हो. लेकिन सरकार ने अब जो फैसला लिया है यह कदम मजबूरी में उठाया हुआ लग रहा है. 

खान ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें तीनों निगमों को एक करना ही था तो यह फैसला पहले क्यों नहीं लिया गया है. जब पेंशनर्स और कर्मचारियों को कोरोना काल में दिक्कत हो रही थी. उन्होंने कहा कि वह इस बात से बेहद खुश है कि तीनों निगमों को एक किया जा रहा है, क्योंकि इससे निगम का भविष्य बेहतर करने में मदद मिलेगी.

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तीनों नगर निगमों के एकीकरण के बाद ही होगा चुनाव

केंद्रीय गृह मंत्रालय के दखल के बाद साफ हो गया है की तीनों नगर निगमों के एकीकरण के बाद ही दिल्ली में नगर निगम चुनाव होंगे. जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार नगर निगम को स्थगित कर इसका कार्यकाल 6 महीने आगे बढ़ा सकती है. हालांकि एकीकरण के बाद भी चुनाव कराने के लिए काफी समय है, इसलिए निगमों को भंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

आपको बता दें की साल 2017 में निगम के चुनाव के बाद 18 मई को उत्तरी दिल्ली नगर निगम, 19 मई को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और 22 मई को पूर्वी दिल्ली नगर निगम का गठन हुआ. इस लिहाज से निर्वाचन आयोग के पास 18 मई तक चुनाव कराने समय है.

पहले भी कई बार भंग हुआ है निगम

निगम के इतिहास में इसके भंग होने का उल्लेख मिलता है. दिल्ली की पहली महापौर अरुणा आसफ अली चुनी गई थी. पहले निगम 24 मार्च 1975 को भंग कर दी गई थी. निगम की 5वीं अवधि के लिए चुनाव 12 जून 1977 को हुआ. 11 अप्रैल 1980 को गृह मंत्रालय के आदेश से निगम को 6 माह के लिए भंग कर दिया गया था और निगम अधिनियम के अंतर्गत निगम के सभी अधिकार निगमायुक्त को सौंप दिए जाने के बाद छह-छह महीने के लिए 5 बार बढ़ाया गया.

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5 फरवरी 1983 को चुनाव होने के बाद निगम की छठी अवधि के लिए 28 फरवरी 1983 को विधिवत गठन किया गया. निगम का कार्यकाल फरवरी 1987 में खत्म होने के बाद इसे बढ़ाकर 6 जनवरी 1990 को भंग कर किया गया. इसके बाद 31 मार्च 1997 तक निगम में प्रशासक व विशेष अधिकारी नियुक्त रहे जिन्होंने निगम के कार्यों को पूरा किया.

 

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