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Delhi MCD Election: ग्रेटर कैलाश, चित्तरंजन पार्क और चिराग दिल्ली वार्ड के क्या हैं सियासी समीकरण ?

Delhi MCD Election 2022: दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तैयारियों का बिगुल बज गया है. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी फिर एक बार सियासी रण में दम दिखाने को बेताब हैं. इस बीच आइए जानते हैं ग्रेटर कैलाश विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्रेटर कैलाश, चित्तरंजन पार्क, चिराग दिल्ली वार्ड के सियासी समीकरण.

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मतदान करते हुए लोग (फाइल फोटो)
मतदान करते हुए लोग (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में एमसीडी चुनाव की तैयारियां जोरों पर
  • ग्रेटर कैलाश वार्ड में रोड्स की मरम्मत बड़ा मुद्दा
  • सुभाष भड़ाना हैं चित्तरंजन पार्क वार्ड के पार्षद

Delhi MCD Election 2022: दिल्ली में एमसीडी चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (एएपी) ने चुनावों को लेकर कमर कस रखी है. सियासी बैठकें हो रही हैं, जिनमें सियासी दल चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं. सियासी पार्टियां की हर वार्ड्स पर पैनी नजर है. ऐसे में जानते हैं कि ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले वार्ड्स के बारे में.

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ग्रेटर कैलाश विधान सभा के तहत तीन वार्ड- ग्रेटर कैलाश (086S), चितरंजन पार्क (087S) और चिराग दिल्ली (088S) आते हैं. ग्रेटर कैलाश की पहचान शानदार शोरूम और ग्रैंड ऑउटलेट से होती है. ग्रेटर कैलाश में बिजनेसमैन के साथ ही सरकारी कर्मचारी भी आते हैं. 23 फीसदी मतदाता पंजाबी, पूर्वांचलियों 11 फीसदी और सबसे अधिक मिडिल क्लास के 33 फीसदी वोटर हैं. चितरंजन पार्क में बड़ी संख्या में बंगाली मतदाता रहते हैं. 

ग्रेटर कैलाश विधानसभा कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गढ़ हुआ करती थी. साल 2008 में बीजेपी ने इसे जीता. विजय कुमार मलहोत्रा ने कांग्रेस नेता जितेंद्र कोचर को हराया था. आम आदमी पार्टी (AAP) के सौरभ भारद्वाज ने इस सीट को 2013 और 2015 में जीता. 

ग्रेटर कैलाश वॉर्ड (086S)

पहले ये महिला सीट थी लेकिन रोटेशन के बाद 2022 में अब सामान्य सीट हो गई है. यहां हर इलाके में कैलाश जुड़ा हुआ है जैसे ईस्ट ऑफ कैलाश, कैलाश हिल्स, माउंट कैलाश. कैलाश नाम ना छोड़ने के पीछे शिव से जुड़ाव है. और दिल्ली के और इलाकों से ज्यादा ऊंचाई पर मौजूद है. इलाके में ही इस्कॉन टेंपल और अशोक अभिलेख है. यहां मकान निर्माण की इजाजत नहीं है बावजूद इसके अवैध निर्माण हो जाता है. इस्कॉन मंदिर की रोड पीडब्लूडी में आती है, तो वहीं उसका ड्रेन एमसीडी में आता है और दोनों एजेंसियों में तालमेल इलाके के विकास में आड़े आता है. 

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कैलाश कॉलोनी निवासी डॉक्टर वरून प्रकाश का कहना है कि सड़कों की मरम्मत बड़ा मुद्दा है. निवासी करन अग्रवाल काफी निराश होकर कहते हैं. इलाके में मल्टीलेवल पार्किंग नहीं है. कुत्ते बड़ी संख्या में हैं. कूड़ा नही उठता. पंचशील एन्क्लेव की रहने वाली और बीजेपी की सूची में छह महिला उम्मीदवारों में सबसे प्रमुख चेहरा शिखा रॉय 2017 में जीके वार्ड पार्षद के रूप में चुनी गई थीं. तब से, उन्होंने दक्षिण के सदन के नेता जैसे पदों पर कार्य किया है. वह एसडीएमसी की स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं. रॉय, जो एक वकील भी हैं, ने 2013 का विधानसभा चुनाव कस्तूरबा नगर क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन 'आप' कैंडिडेट से हार गए थे. 

चितरंजन पार्क वॉर्ड (087S)

दिल्ली का मिनी बंगाल कहा जाने वाला सीआर पार्क में ज्यादातर बंगाली रहते हैं. ये पहले सामान्य सीट थी लेकिन अब रोटेशन के बाद 2022 में महिला सीट हो गई है. सीआर पार्क ब्लॉक ए के आरडब्ल्यूए प्रेसिडेंट गीता का कहना है कि कॉलोनी के पेड़ बड़े हो जाएं तो हॉर्टिकल्चर के पास संसाधनों की कमी की वजह से कॉलोनी के पेड़ों की छंटाई नहीं हो पाती. इसके पीछे वजह एमसीडी को फंड ना मिलना और दूसरा इलाके के पार्षद को विधायक के अपेक्षाकृत कम बजट का अलॉट होना है. चितरंजन पार्क के मौजूदा बीजेपी पार्षद सुभाष भड़ाना हैं.  

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चिराग दिल्ली वॉर्ड (088S)

पहले महिला सीट थी, अब रोटेशन के बाद 2022 में सामान्य सीट हो गई है. चिराग दिल्ली का गांव ऐतिहासिक रूप से खास है तो चारों तरफ से किले से घिरा हुआ था. वक्त के साथ किले खंडहर हो गए सिर्फ दरवाजे बचे जिनका सौंदर्यीकरण हुआ. इलाके में सीवर लाइन तीन बार बिछी लेकिन सफल नही हुई. ज्यादातर गलियां टूटी हैं और सीसीटीवी कैमरे बेकार पड़े हैं. 1959 में सरकार ने जब इन गावों को अधिग्रहण किया तो हौज खास, शाहपुर जाट और मुनिरका में विकास आ गया, लेकिन चिराग दिल्ली का गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. मौजूदा पार्षद आम आदमी पार्टी से पूजा हैं.

 

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