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कहीं बेटी मैदान में, तो कहीं बहू को टिकट... MCD चुनाव बना दिल्ली की सियासत की नर्सरी

दिल्ली की सियासत की नर्सरी एमसीडी चुनाव को माना जाता है. दिल्ली में पार्षद बनने के बाद ही सियासी उड़ान नेता भरते हैं और आगे चलकर विधायक और सांसद भी बनते हैं. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता अपने बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को चुनावी मैदान में उतारा है.

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आसिफ मोहम्मद खान और उनकी बेटी अरीबा
आसिफ मोहम्मद खान और उनकी बेटी अरीबा

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव का बिगुल बज चुका है. एमसीडी का चुनाव दिल्ली की सियासी नर्सरी के तौर पर देखा जाता है. नेताओं की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सियासत की पहली पाठशाला पार्षद का चुनाव है. मौजूदा विधायकों से लेकर पूर्व विधायक और महापौर के बेटे-बेटियों, पत्नियां और रिश्तेदार एमसीडी चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए उतरे हैं. 

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एमसीडी चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी के कैंडिडेटों की फेहरिस्त देंखे तो एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर नेताओं के बेटे-बेटियां पार्षद सीटों पर उतरी हैं. आम आदमी पार्टी के पांच मौजूदा विधायकों के परिवार के सदस्य पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं तो बीजेपी के एक सांसद और दो पूर्व विधायकों के परिवार को टिकट दिया गया है. ऐसे ही कांग्रेस के दो पूर्व विधायक के परिवार को टिकट दिया गया है. चुनाव मैदान में उतरे बेटे या बेटी उसी इलाके के वार्ड से चुनाव लड़ रहे है जहां से उनके परिजन वर्तमान में विधायक हैं या पहले विधायक रह चुके हैं. 

AAP विधायक के बेटे-बेटियां लड़ रही पार्षद चुनाव
आम आदमी पार्टी ने राजोरी गार्डन की विधायक धनवती चंदेला की बहू मीनाक्षी चंदेला को विष्णु गार्डन से बेटी प्रिया चंदेला को रजौरी गार्डन वार्ड से टिकट दिया है. प्रिया चंदेला पहले पार्षद रह चुकी हैं. मटिया महल से विधायक शोएब इकबाल के बेटे आले इकबाल को चांदनी महल वार्ड से टिकट मिला है, जो 2017 में कांग्रेस के पार्षद का चुनाव जीते थे. चांदनी चौक के विधायक प्रहलाद सिंह साहनी के बेटे पुनरदीप सिंह साहनी को चांदनी चौक वार्ड से टिकट मिला है. इसी तरह से देवली के विधायक प्रकाश जारवाल की पत्नी ज्योति जारवाल को तिगड़ी से उम्मीदवार बनाया गया है.

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पूर्व विधायक के परिवारवालों को मिला टिकट
आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायकों के साथ पूर्व विधायक के रिश्तेदार को भी एमसीडी चुनाव में उतारा है. राजिंदर नगर के पूर्व विधायक विजेंदर गर्ग को नारायणा से उम्मीदवार बनाया गया है. ऐसे ही हरि नगर के विधायक रहे जगदीप सिंह की पत्नी रमिंदर कौर को फतेह नगर वार्ड से टिकट दिया गया है जबकि बवाना के शाहबाद डेयरी से पूर्व विधायक और मौजूदा पार्षद रामचंद्र को उम्मीदवार बनाया गया है. 

बीजेपी ने भी जताया भरोसा
बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं के बेटे-बेटियों को एमसीडी के चुनावी मैदान में उतारा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद दुष्ंयत गौतम के बेटे भारत गौतम को शाहदरा सीट से प्रत्याशी बनाया है. पूर्व विधायक रहे तरविंदर सिंह मारवाह के बेटे अर्जुनपाल सिंह मारवाह को लाजपत नगर वार्ड से टिकट दिया है. पूर्व विधायक अजीत खड़खड़ी के बेटे अमित खड़खड़ी को नजफगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है. बीजेपी से महापौर रहे कंवर सेन की बहू चैरी सिंह को पार्टी ने विश्वास नगर सीट से पार्षद का टिकट दिया है.   

कांग्रेस भी पूर्व विधायकों पर रही मेहरबान
कांग्रेस ने अपने कई नेताओं के बेटे और बेटियों को प्रत्याशी बनाया है तो कई सीटों पर पूर्व पार्षद की पत्नियों को उम्मदीवार बनाया गया है. ओखला से दो बार विधायक रहे आसिफ मोहम्मद खान की बेटी अरीबा खान को अबुफजल एन्केल्व से पार्षद का टिकट दिया है. सीलमपुर से विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद की बहू शगुफ्ता चौधरी को चौहान बांगड़ सीट से कैंडिडेट बनाया है. ऐसे ही जाकिर नगर से तीन बार के कांग्रेस पार्षद शोएब दानिश की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे ही दरियागंज से फरहाद सूरी चुनावी मैदान में उतरे हैं, जो कांग्रेस के दिग्गज नेता ताजदार बाबर के बेटे हैं. फरहाद सूरी दिल्ली के मेयर रह चुके हैं. 

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पार्षद से विधायक बने ये नेता 

बता दें कि दिल्ली में एमसीडी को ऐसे ही सियासत की नर्सरी नहीं कहा जाता बल्कि पार्षद बनने के बाद ही विधायक बनने की राह बनती है. दिल्ली में कई दिग्गज नेता पहले पार्षद बने और उसके बाद विधायक और सांसद बने हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी तीनों ही अपने कई मौजूदा पार्षदों को चुनावी मैदान में उतारा था. पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में चार पार्षद विधायक बनने में सफल रहे थे. इनमें रोहित कुमार मेहरोलिया त्रिलोकपुरी वार्ड से पार्षद रहते विधायक बने थे. ऐसे ही कुलदीप कुमार कोंडली से विधायक बने तो सीलमपुर से पार्षद अब्दुल रहमान और मुस्तफाबाद से हाजी युनूस जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. इससे पहले आसिफ मोहम्मद खान से लेकर मो. इमरान तक पार्षद रहे हैं. 


 

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