Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनावों को लेकर कभी भी बिगुल बज सकता है. आम आदमी पार्टी (एएपी), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस सभी ने चुनावी मैदान में उतरना शुरू कर दिया है. इस बीच आइए जानते हैं क्या है पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर के अंतर्गत आने वाले कृष्णा नगर, गीता कॉलोनी, घोंडली और अनारकली वार्ड के सियासी समीकरण और चुनावी मुद्दे?
कृष्णा नगर वार्ड (E21)
कृष्णा नगर वार्ड पूर्वी दिल्ली का सबसे फेमस वार्ड है. यहां का लाल क्वार्टर मार्केट कपड़ों और खाने-पीने की चीजों के लिए काफी जाना जाता है. लेकिन यहां की बदहाली भी किसी से छुपी नहीं है. पार्किंग, गंदगी, ट्रैफिक और जल भराव इस वार्ड की सबसे बड़ी समस्या है. जो पिछले 25 सालों से सुधर नहीं सकी. इलाके में ट्रैफिक जाम की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है. एफ ब्लॉक कृष्णा नगर चौक, झील चौक और गीता कॉलोनी गुरुद्वारा चौक पर ना तो कोई ट्रैफिक लाइट्स हैं और ना ही कोई ट्रैफिक पुलिस जिससे लोगों को भारी जाम से जूझना पड़ता है. कृष्णा नगर लाल क्वार्टर मार्केट इलाके का पेडेस्ट्रियन स्ट्रीट वाला प्रोजेक्ट भी फैल हो चुका है जबकि मल्टीलेवल पार्किंग होने के बावजूद, फ्रेंड सेंटर इलाके में बाइक्स का भारी जमावड़ा कॉलोनी के लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है.
कैंडिडेट्स से लिखित में एफिडेविट मांगा
पिछले 25 से 30 साल में इस इलाके में जल भराव की स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए के जॉइंट फ्रंट के अध्यक्ष बी इस वोहरा ने डिमांड की है कि इस बार एमसीडी चुनाव लड़ने वाले सभी कैंडिडेट्स लिखित में एफिडेविट देंगे कि जीतने के एक साल के भीतर इस समस्या से निजात दिलवाएंगे.
अनारकली वार्ड (E22)
कृष्णा नगर विधानसभा के अंतर्गत आने वाला अनारकली वार्ड सबसे बदहाल वार्ड है. पिछले 5 सालों में इस वार्ड में ना तो सड़कों का निर्माण हुआ और ना ही साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त है. इस इलाके में पीने के पानी की सबसे बड़ी किल्लत है. आलम यह है कि लोगों को सड़कों के किनारे लगे सरकारी नल से रोजना लाइन में लग कर पानी भरना पड़ता है. इसके अलावा इलाके में शराब, बढ़ा मुद्दा है. शराब के ठेके को खोलने को लेकर यहां पर लगातार प्रदर्शन जारी रहे हैं. लेकिन शराब का ठेका खुला, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर शराब के ठेके में हुई तोड़फोड़ का जो वीडियो वायरल हुआ था वह भी इसी वार्ड का था.
गीता कॉलोनी वार्ड (E23)
गीता कॉलोनी वार्ड के लोगों के लिए भी साफ-सफाई और शराब की दुकानें इलाके में खुलाना सबसे बढ़ा मुद्दा है. आज भी लोग पिछले नवंबर से अब तक शराब के ठेके के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं. इसके अलावा यहा अतिक्रमण की समस्या जस की तस बनी हुई है. लोगों की मानें तो पिछले 5 साल में अवैध रूप से सब्जी बेचने वाला माफिया इस पूरे इलाके में सक्रिय हो गया है. इसके कारण रोज घंटों लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है.
घोंडली वार्ड (E24)
घोंडली वार्ड भी कृष्णा नगर विधानसभा का प्रमुख वार्ड है. इस वार्ड में सड़कों पर खुलेआम आवारा पशु को घूमते हुए देख सकते हैं. जो आए दिन यहां से गुजरने वाले राहगीरों को अपना निशाना बनाते हैं. लेकिन निगम इस वार्ड में कुछ नहीं करता, इसके अलावा स्कूटर मार्केट के दुकानदार सड़कों पर अवैध रूप से अपनी गाड़ियां खड़ी करते हैं. उस पर भी एमसीडी कोई कार्रवाई नहीं करती. तो वहीं सड़कों पर अतिक्रमण से लोगों को जाम से दो चार होना पड़ता है.
क्या है इस विधानसभा का सियासी गणित?
कृष्णा नगर विधानसभा 1993 से लेकर 2015 तक बीजेपी के पाले में रही. पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन लगातार विधानसभा से जीत हासिल करते रहे हैं, लेकिन 2015 के चुनावों में यह सीट आम आदमी पार्टी के खाते में चली गई. आम आदमी पार्टी के विधायक एस के बग्गा ने 2015 में किरण बेदी को मात देकर जीत हासिल की. लेकिन 2017 के निगम चुनावों में सभी 4 वार्डों में बीजेपी ने अपनी जीत हासिल की. हालांकि मौजूदा समय में बीजेपी के एक पार्षद रेखा दीक्षित जो के अनारकली वार्ड से आती हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.
AAP MLA बोले, 'भेदभाव की राजनीति नहीं करते'
आम आदमी पार्टी के विधायक एस के बग्गा के मुताबिक पिछले 7 सालों में लगभग 100 से 120 करोड़ रुपये का बजट इस विधानसभा के अंदर विकास कार्यों में लगाया. जिनमें से 70 फीसदी निगम को दिया ताकि इस विधानसभा की सड़कें नए सिरे से बनाई जा सकें. स्ट्रीट लाइट से लेकर के जल बोर्ड की लाइनें डालने का भी काम पिछले 7 सालों में हुआ है. पानी की व्यवस्था में सुधार हुआ है. साथ ही सीवर की समस्या पर भी आज भी इस इलाके में कई जगह पर सीवर लाइन से लेकर पानी की लाइन डालने का काम हो रहा है. हमारे पास किसी भी पार्टी का कोई व्यक्ति आता है. हम उसके काम करते हैं. भेदभाव की राजनीति नहीं करते हैं.