Delhi MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव होने को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है. अब ऐसी कयास है कि एमसीडी चुनाव 6 महीने के लिए टल सकते हैं. इसके पीछे की दो वजहें हैं- पहली तो यह कि 272 से वॉर्ड की संख्या 250 तक सीमित हो गई. वॉर्डों का एरिया बढ़ाने, अनुसूचित जाति और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में बदलाव हुआ है. दूसरी वजह विधेयक के मुताबिक कानून के तहत निकाय की पहली बैठक जब तक आयोजित नहीं होती तब तक के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है.
दरअसल, साल 2017 में ईस्ट, साउथ और नॉर्थ एमसीडी का गठन 18 से 20 मई के बीच हुआ था. अब नियम ये कहता है कि आने वाली 18 मई 2022 तक निगम का गठन करने का समय है यानी चुनाव इससे पहले होना है.
वहीं, चुनाव आयोग को नए निगम के गठन के लिए चुनाव की घोषणा के लिए कम से कम 30 दिन का समय देना होता है. ऐसे में चुनाव आयोग 18 अप्रैल तक प्रक्रिया पूरी करने का इतजार करेगा. अब चूंकि वॉर्ड संख्या कम हो गई. लिहाजा अब चुनाव टलेगें. दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 में शायद इसीलिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया है.
चुनाव टलने पर मंथन में जुटी पार्टियां
चुनाव में देरी पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के तीखे तेवर यहां तक हो गए कि वो कह बैठे कि अभी चुनाव बीजेपी करवा दें, हार हुई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. बीजेपी को एकीकरण का फायदा मिलने की पूरी उम्मीद है. मीडिया सह प्रमुख हरिहर रघुवंशी ने कहा कि लाखों कर्मचारियों को सैलरी वक्त पर मिलेगी और विकास के काम में कोई रोड़ा नही आएगा. क्योंकि एकीकरण का सबसे बड़ा फायदा वित्तीय संकट का खत्म होना ही है. वहीं, कांग्रेस की उम्मीद बाकी है बीते उपचुनावों में मिली बढ़त का दायरा और बढ़ते हुए देख रही है.
जब 1 निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया
साल 2011 में तब दिल्ली की आबादी 1 करोड़ 60 लाख से ऊपर की थी. मेयर, एमसीडी कमिश्नर, और चीफ इंजीनियर भी 1 ही होता था. इनके प्रशासनिक काम भी बंट गए.
अब तक 2 चुनावों में बीजेपी रही आगे
तीन भागों में बंटने के बाद एमसीडी के दो चुनाव हुए पहला 2012 और दूसरा 2017. बीजेपी तीनों निगमों में बहुमत में रही जबकि 2012 में दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी तो 2017 में एएपी तीनों निगमों में नंबर 2 पर रही.