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Delhi MCD Election: जानिए टैगोर गार्डन, राजौरी गार्डन और ख्याला वार्ड में क्या हैं चुनावी मुद्दे ?

Delhi MCD Election 2022: राजौरी गार्डन विधानसभा के अंतर्गत आने वाले टैगोर गार्डन, राजौरी गार्डन और विष्णु गार्डन का सियासी हाल, जनता के मुद्दे और वार्ड्स की समस्याएं. जानिए

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दिल्ली एमसीडी इलेक्शन 2022
दिल्ली एमसीडी इलेक्शन 2022
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली MCD चुनाव में किन मुद्दों का होगा जोर
  • टैगोर गार्डन-राजौरी गार्डन वार्ड में क्या समस्याएं
  • ख्याला वार्ड में किस समुदाय के ज्यादा मतदाता

Delhi MCD Election 2022: दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर सियासत गर्म है. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का निगम चुनावों को लेकर जोश हाई है. ये सभी सियासी दल एमसीडी चुनाव को लेकर मजूबत प्लानिंग बनाने में लगे हुए हैं. इस बीच आइए जानते हैं कि राजौरी गार्डन विधानसभा के अंतर्गत आने वाले टैगोर गार्डन, राजौरी गार्डन और विष्णु गार्डन का सियासी हाल, जनता के मुद्दे और वार्ड्स की समस्याएं.

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राजौरी गार्डन वार्ड (5S) 

पहले राजौरी गार्डन वार्ड सामान्य सीट थी. अब यह महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दी गई है. यहां से बीजेपी के रिटायर्ड कर्नल बीके ओबेरॉय मौजूदा पार्षद हैं. 2017 से पहले भी सीट बीजेपी के ही खाते में रही. सिर्फ वेस्ट दिल्ली नहीं बल्कि दिल्ली के दूसरे हिस्सों से भी लोग राजौरी गार्डन मार्केट में खरीदारी करने आते हैं. 

व्यापारी नेता रमेश खन्ना कहते हैं कि रिहायशी और कमर्शियल दोनों इलाकों में पार्किंग की समस्या है. 75 फीसदी सिख और 20 फीसदी पंजाबियों की इस सीट पर वैश्य, मुस्लिम और क्रिश्चियन वोटरों की संख्या भी है. 

टैगोर गार्डन वार्ड (6S)

टैगोर गार्डन वार्ड से मौजूदा पार्षद किरण चड्ढा हैं. पिछली बार कांग्रेस की सुनीता सुभाष पार्षदी का चुनाव जीती थीं. इस वार्ड में साफ-सफाई और सीवर की बड़ी समस्या है.

लोगों ने बताईं वार्ड की समस्याएं

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स्थानीय दुकानदार रामकिशन का कहना है कि वार्ड में साफ -सफाई और सीवर की बड़ी समस्या है. राजौरी गार्डन विधानसभा और तिलक नगर विधानसभा को एक ड्रेन (नाला) अलग करता है. उस नाले को कवर करने का मुद्दा भी इस चुनाव में उठेगा. क्योंकि कई साल पहले तिलक नगर विधानसभा से बीजेपी विधायक ओपी बब्बर थे. तब से नाले को ढकने का काम हुआ ही नहीं. 

वार्ड में लगभग 35 फीसदी आबादी नॉन सिख यानी पंजाबियों की है. सीट पर 16 फीसदी सिख के अलावा 18 से 20 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) वोटर हैं. साथ ही पूर्वांचली और मुस्लिम वोटर भी हैं.  

विष्णु गार्डन वार्ड (7S)

बीजेपी के सतपाल खैरवाल ने 2017 के निगम चुनावों में यहां से जीत दर्ज की थी और पार्षद बने. डेढ़ साल पहले कोरोना से उनकी मौत के बाद ये सीट खाली है. साल 2012 में सीट से कांग्रेस की मीनाक्षी चंदेला ने जीत हासिल की थी जबकि रोटेशन के बाद महिला सीट हो गई. सिख बाहुल्य इस वार्ड में 48 फीसदी सिख, 10 फीसदी मुस्लिम, पूर्वांचली और पंजाबी वोटर हैं.पार्किंग का मुद्दा यहां अहम है. इलाके में कोरोना से पहले फैक्ट्रियों को सील करने की कार्रवाई हुई थी बावजूद इसके अभी भी कई फैक्ट्रियां अवैध तरीके से चल रही है.   

ख्याला वार्ड (8S)

ख्याला वार्ड की मौजूदा पार्षद कांग्रेस की अप्रिय चंदेला हैं. इस वार्ड में 19 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी), 10 फीसदी सिख, गुजराती, राजस्थानी और पूर्वांचली मतदाता हैं.

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स्थानीय निवासी मनीष ने बताया कि अनधिकृत रूप से जींस की कई फैक्ट्रियां चल रही है. गंदगी, कूड़े और पार्क में कूड़े की समस्या है.

राजौरी गार्डन विधानसभा सिख डोमिनेटेड विधानसभा है जिसके हर एक वार्ड में सिख वोटर हैं. इतना ही नहीं रजौरी गार्डन विधानसभा में एक ही सरकारी अस्पताल गुरु गोविंद सिंह हॉस्पिटल है. एक और अस्पताल खोलने की मांग एमसीडी चुनावों में उठेगी.

 

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