scorecardresearch
 

दिल्ली: निगम कर्मचारियों का वेतन रुका, CM के बाद उपराज्यपाल से सैलरी दिलाने की मांग

दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर निगमों के मेयरों के धरने और मंत्री सतेंद्र जैन से मुलाकात के बाद तीनों निगमों के मेयरों ने दिल्ली के उपराज्यपाल का रुख किया और वेतन दिलाने की मांग की.

Advertisement
X
Delhi LG (File)
Delhi LG (File)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कर्मचारियों की सैलरी का मुद्दा पकड़ रहा तूल
  • राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर मढ़ रहीं आरोप
  • रुका हुआ है दो से तीन महीने का वेतन

दिल्ली नगर निगम में लाखों कर्मचारियों, पेंशनर्स की सैलरी का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है. दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर निगमों के मेयरों के धरने और मंत्री सतेंद्र जैन से मुलाकात के बाद तीनों निगमों के मेयरों ने दिल्ली के उपराज्यपाल का रुख किया और वेतन दिलाने की मांग की.

Advertisement

वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर जय प्रकाश ने बताया कि वेतन के 180 करोड़ रूपये एमसीडी की तरफ से जारी कर दिया गया है लेकिन सभी की मांग है कि सैलरी सबकी साथ आनी चाहिए, आगे-पीछे नहीं. जबकि बैकलॉग में कर्मचारियों की दो से तीन महीने का वेतन नहीं मिला है. जेपी का कहना है कि दिल्ली नगर निगम के फंड में कटौती कर या बकाया फंड ना देकर निगम को आर्थिक रूप से पंगु बनाना चाहती है.

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने वर्ष 437 करोड़ तीसरे डीएफसी का, 967 करोड़ चौथे डीएफसी का, 4137 करोड़ पांचवें डीएफसी का नहीं दिया है. वहीं, मौजूदा साल के 955 करोड़ रूपये अभी तक नहीं दिए गए हैं. एलजी को बताए आंकड़े के अनुसार दक्षिणी नगर निगम की मेयर ने कहा कि पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार दक्षिणी निगम को वर्ष 2020-21 में लगभग 11.50 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना था, लेकिन दिल्ली सरकार ने 275.46 करोड़ रुपये दिए हैं.

Advertisement

देखें- आजतक LIVE TV

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के मेयर निर्मल जैन ने एलजी को बताया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का 956.35 करोड़ का बकाया है. इसके अलावा तीसरे और चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 2985.12 करोड़ रुपये का बकाया शेष है. उत्तरी निगम महापौर ने कहा कि कोविड मे जब राजस्व कम है तो 16 प्रतिशत कट करके ही दिल्ली सरकार को पैसा दे देना चाहिए. आरोप ये भी है कि 425 करोड़ रुपये कि सफाई कर्मचारियों की सैलरी वाइल फाइल भी आगे नहीं बढ़ रही है. डर है कि दिल्ली कूड़ा-कूड़ा ना हो जाए.

वहीं, निगम में आम आदमी पार्टी के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि 18000 करोड़ निगम का बजट है. दिल्ली सरकार ने संविधान के हिसाब से सब कुछ दे दिया है. करीब 10000 करोड़ का लोन दिल्ली सरकार ने निगम को दिया है. बीजेपी वेतन इसलिए रोक रही है ताकि वो आम आदमी पार्टी को बदनाम कर सके.

वहीं, एमसीडी में कांग्रेस के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि सैलरी तो दूर कर्मचारियों के सभी तरह के बेनिफिट तक नहीं मिले हैं. बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं. शीला दीक्षित के 15 साल के शासन में ऐसा कभी नहीं हुआ.

Advertisement

एमसीडी एम्प्लाइज यूनियन धरने के संयोजक एपी खान ने बताया कि तीनों कॉरपोरेशन के डेढ़ लाख कर्मचारी सभी ग्रुप ए, बी, सी, डी और 50000 पेंशनर्स कर्मचारियों को पिछले 6 महीनों से तनख्वाह और पेंशन नहीं मिली है. त्योहार में अति हो चुकी है और आश्वासन पर अब विश्वास नहीं रहा है. 28 सितंबर को सैलरी देने का वादा किया. कुछ डॉक्टर्स की सैलरी तो दे दी लेकिन बाकी स्टाफ की 2 से लेकर 5 महीने की सैलरी नहीं मिली है. निगम के पास फंड है लेकिन राजनीति हो रही है. खान ने कहा कि दबाव की नीति पर डॉक्टरों को सैलरी दे दी पर अब, कॉरपोरेशन को बिल्कुल नहीं चलने देंगे.

 

 

Advertisement
Advertisement